
आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्रों पर गलत तरीके से कब्ज़ा, उन्हें मुक्त कराया जाए : अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
युवाओं को सोशल मीडिया से निकलकर धरातल पर उतरना होगा : विक्रम सिंह शेखावत
सूरत के माहेश्वरी भवन में आज रविवार को नेशन प्रथम द्वारा राम मंदिर के पक्ष और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कार्यकम भारी भीड़ की उपस्थति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत साकेत के कार्यकारिणी द्वारा दीप प्रज्वलित के साथ हुई। साकेत के सांवर प्रसाद बुधिया ने कार्यक्रम करने के विचार को बताया तथा रणछोड़ ढोलिया ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी।
विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि युवाओं को सोशल मीडिया से निकलकर धरातल पर उतरना होगा। साथ ही साथ समाज को राष्ट्र को जो क्षति पहुंचाने की कोशिश षड्यंत्र के तहत हो रही है उन षड्यंत्र को पहचान कर उन सब का मुंह तोड़ जवाब देना होगा। संस्था के अधिवक्ता हेमंत देसाई द्वारा मुख्य वक्ता का विस्तृत परिचय दिया गया।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि “अभी भी ऐसी कई जगहें हैं जहाँ केस स्टडी के ज़रिए तथ्य, ऐतिहासिक शोध और सबूत मिलते हैं। जो भी न्यायिक संघर्ष संभव है, हम वो कर रहे हैं। भरूच में ऐसा ही एक मामला है। ऐसे कई इलाके हैं और कोशिश यही है कि जैसे राम मंदिर में हमें न्याय मिला, वैसे ही पूरे सनातन समाज को अन्य जगहों पर भी न्याय मिले। हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा के जिन केंद्रों पर गलत तरीके से कब्ज़ा किया गया है, उन्हें मुक्त कराया जाए।
ज्ञानवापी मामले पर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ज्ञानवापी मामले में मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। 16 मई 2022 को वहां एक ‘शिवलिंग’ मिला था और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई जांच का आदेश दिया था। 19 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी। ट्रायल कोर्ट में मामला धीमी गति से चल रहा है। इसकी वजह यह है कि 12 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया था कि किसी भी मामले में कोई सर्वेक्षण आदेश पारित नहीं किया जाएगा और किसी भी मुकदमे में कोई प्रभावी आदेश नहीं दिया जाएगा, जब तक कि पूजा स्थल अधिनियम के इस मामले का फैसला नहीं हो जाता। कार्यक्रम के अंत में प्रकाश बिंदल ने आए हुए समाज बंधुओं का आभार प्रकट किया।