मुंबई में आयोजित फैब एक्स में 14 देशों के गारमेंट निर्माताओं ने भाग लिया। नेक्सो, मुंबई में आज बुधवार 26 अप्रैल से तीन दिवसीय फैब एक्स शो शुरू हो गया है। इस शो का उद्घाटन इंटरनेशनल अपैरल फेडरेशन के अध्यक्ष कैम एल्टन ने किया। तुर्की के कैम एल्टन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना की वजह से दुनिया मंदी और महंगाई की मार झेल रही है। गारमेंट उद्योगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस विकट समय में भारत के निर्माता नए-नए प्रयोग कर उद्योग जगत को ताकत दे रहे हैं।
भारतीय निर्माता अब वैश्विक फैशन और मांग के अनुरूप कपड़े और परिधानों का उत्पादन कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि भारतीय परिधान उद्योगों का भविष्य उज्ज्वल है। हालाँकि सूरत में लगभग सभी प्रकार के फेब्रिक बनता हैं, फिर भी गारमेंट क्षेत्र में बहुत प्रगति नहीं हुई है।
कुशल श्रमिकों की कमी के कारण सूरत के कपड़ा उद्योग को परिधान क्षेत्र में बहुत कम सफलता मिली है। सूरत के कपड़ा उद्योग को गारमेंट सेक्टर में आगे ले जाने के लिए क्लोथींग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सूरत में अपैरल ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया जाएगा। जिसे इसी साल शुरू कर दिया जाएगा।
मुंबई में नेस्को में सीएमएआई द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए सीएमएआई के अध्यक्ष राजेश मसंद ने कहा कि सूरत कपड़ा निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है। देश भर के परिधान विनिर्माता अपने 70 प्रतिशत कपड़े सूरत से खरीदते हैं। सूरत में गारमेंट क्षेत्र में विकास के कई अवसर हैं।
वर्कर्स को डेनिम और गारमेंट्स की ट्रेनिंग दी जाएगी
सूरत में कुशल श्रमिकों की कमी परिधान क्षेत्र के विकास को प्रभावित कर रही है। यदि यहां कामगारों को प्रशिक्षण दिया जाए तो गारमेंट उद्योग का तेजी से विकास किया जा सकता है। इस साल सूरत में सीएमएआई और अपैरल ट्रेनिंग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसी साल सूरत में परिधान प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जाएगा। यहां वर्कर्स को डेनिम और गारमेंट्स की ट्रेनिंग दी जाएगी।
ट्रेनिंग शुरू होने से उद्योगपतियों को राहत मिलेगी : अजॉय भट्टाचार्य
सीएमएआई के गुजरात रीजनल चेयरमैन अजॉय भट्टाचार्य ने कहा कि प्रदर्शनी में सूरत के 46 उद्योगपतियों के स्टॉल लगे हैं। सूरत में गारमेंट सेक्टर आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ने की संभावना है। सूरत में एटीसी शुरू होने से ट्रेनिंग शुरू होने से उद्योगपतियों को राहत मिलेगी।