पंचमहाल के पौराणिक तीर्थ स्थल पावागढ़ में शक्तिपीठ महाकाली माताजी के मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों के दोनों ओर जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को हटाने से पूरे राज्य में एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है। कल उस वक्त माहौल एक बार गर्म हो गया जब जैनाचार्यों समेत बड़ी संख्या में जैन समाज के अग्रणियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरना दिया। आज सुबह से ही बड़ी संख्या में जैन समाज के अग्रणी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जैन तीर्थंकरों की प्रतिमा स्थापित होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। हालांकि, विकास के नाम पर महाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां उखाड़ने और फेंकने के विवाद के बाद अब जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है।
जैन समुदाय के अग्रणी पावागढ़ थाने पहुंचे
पावागढ़ में महाकाली मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा मंदिर के रास्ते में दोनों ओर बनी सीढ़ियों पर जैन तीर्थयात्रियों की हजारों साल पुरानी मूर्तियों को विकास के नाम पर तोड़ कर फेंक दिये जाने पर जैन समुदाय में काफी नाराजगी है।
मंदिर के ट्रस्टियों की इस हरकत के बाद बड़ी संख्या में जैन समुदाय के नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा है। इस घटना के बाद रविवार शाम को ही बड़ी संख्या में जैन समुदाय के अग्रणी पावागढ़ थाने पहुंचे। जहां उन्होंने विकास के नाम पर जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को तोड़ने पर रोक लगायी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उधर, पूरी घटना तेजी से फैलने के साथ ही सूरत में भी इस घटना का गहरा असर देखने को मिला।
जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरने पर बैठे
कल देर रात जैनाचार्य जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरने पर बैठ गये। इसकी जानकारी लगते ही जैन समाज के सैकड़ों नागरिक भी जिला कलक्टर कार्यालय पहुंच गए। जहां उन्होंने पावागढ़ मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा किए गए कृत्य की निंदा करते हुए नारे लगाए। इस पूरे घटनाक्रम पर जैन अग्रणियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि वास्तव में महाकाली मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, ट्रस्टियों और प्रशासकों द्वारा किया गया यह अपराध है। जैनाचार्यों सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों ने लगातार दूसरे दिन कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया। इसमें सूरत सहित राज्य भर के जैनाचार्य शामिल हैं।
हजारों साल पुरानी प्राचीन श्वेतांबर जैन मूर्तियों को तोड़ दिया गया
मंदिर विकास के नाम पर पावागढ़ में हजारों साल पुरानी प्राचीन श्वेतांबर जैन मूर्तियों को तोड़ दिया गया है, उखाड़ कर फेंक दिया गया है। इस घटना को लेकर दुनिया भर के जैन समाज में गंभीर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। इस कृत्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर आज सुबह बड़ी संख्या में जैन समुदाय के नागरिक कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा, पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए एक पुरानी सीढी है। गोखलाओं में दोनों तरफ 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान सहित 7 मूर्तियां हजारों वर्षों से स्थापित हैं। जैन लोग वहां प्रतिदिन पूजा करने जाते हैं। 20 दिन पहले जब इन सीढ़ियों को तोड़ने का काम किया गया तो जैन समाज ने भी कलेक्टर और एएसआई को शिकायत भेजकर मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई थी। हालाँकि, मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा किए गए कृत्य के कारण न केवल मूर्तियाँ हटा दी गईं, बल्कि भारी क्षति भी हुई।