सूरत के ज्वैलर्स से 60 लाख रुपये से ज्यादा का सोना, एक कार, 5 लाख रुपये नकद समेत अपने तीन बेटों के साथ फरार सोना चांदी रिफाइनिंग का बुजुर्ग मैनेजर को क्राइम ब्रांच ने 13 साल के बाद महाराष्ट्र के सांगली से पकड़ा। सूरत से परिवार के साथ फरार बुजुर्ग मैनेजर वतन में बालाजी रियल एस्टेट के नाम से आफिस शुरू करके जमीन मकान खरीदी बिक्री का व्यवसाय शुरू किया था।
क्राइम ब्रांच के दस्ते के पीएसआई और स्टाफ को प्राप्त सूचना के आधार पर शांताराम नामदेव पाटिल ( उम्र 60, निवासी फ्लैट नंबर 9, तीसरी मंजिल, श्रीगणेश हाइट्स, माधवनगर रोड, जिला सांगली, महाराष्ट्र, मूल सिरगाँव, जिला सांगली, महाराष्ट्र ) को गिरफ्तार किया।
फिलहाल सांगली में बालाजी एस्टेट के नाम से जमीन मकान खरीदी बिक्री का व्यवसाय करनेवाले शांताराम के खिलाफ सूरत के अडाजण, रांदेर और उमरा पुलिस थाने में धोखाधड़ी की तीन शिकायतें दर्ज की गई थी और वह 13 साल से वांछित था। शांताराम अपने तीन बेटों संतोष, अविनाश और उमेश के साथ अडाजन आनंदमहल रोड खोडियारनगर सोसाइटी में अपने घर के नीचे श्रीगणेश रिफाइनरी के नाम से सोने और चांदी की रिफाइनिंग फैक्ट्री चलाता था।
हालाँकि, वर्ष 2009 में वे और उनके बेटे ने अडाजण अडाजन वैष्णवी ज्वैलर्स के राजेश सत्यनारायण शर्मा और रमेशभाई मनजीभाई पटेल, राजू प्रमोदभाई जानी और जयेश लक्ष्मणभाई पटेल नामक ज्वेलर्स के मालिक से 20 लाख का सोना, घोडदौड रोड पोद्दार प्लाजा में स्थित पाटीदार ज्वेलर्स और अडाजण श्रीजी आर्केड में शुहासी ज्वेलर्स में से 30 लाख का सोना, अडाजण जोगाणीनगर में जेबी ज्वेलर्स नाम से दुकान चलाने वाले पुष्पेंद्रसिंह जंग बहादुर सिंह राजपूत से 10 लाख रुपये का सोना, कार और 5 लाख रुपये नकद और सोने का दो महीने की अवधि के भीतर का भुगतान करने की बात कहीं थी।
इस दौराने उन्होंने अपनी दुकान बेची और अपने परिवार के साथ अपने पैतृक सांगली भाग गए। सांगली में उन्होंने बालाजी रियल एस्टेट के नाम से एक कार्यालय खोला और जमीन की बिक्री शुरू की। क्राइम ब्रांच ने शांताराम की कस्टडी अडाजण पुलिस को सौंप दी है।