सूरत

सूरत : फोस्टा की रेल प्रशासन से मांग, उधना रेलवे स्टेशन पर माल बुकिंग की जगह दी जाए

फोस्टा की रेलवे प्रशासन के साथ ट्रांसपोर्टेशन पर हुई चर्चा

सूरत कपड़ा बाजार के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करनेवाली संस्था फोस्टा और रेलवे प्रशासन के बीच आज गुरुवार 12 सितंबर को सुबह 11 बजे फोस्टा बोर्डरूम में रेल ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। फोस्टा अध्यक्ष कैलाश हाकिम बताया कि सूरत से पूरे भारत में कपड़े के साथ साथ जरी, यार्न समेत आदि माल भेजा जाता है। जो ज्यादातर रोड ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेजा जाता है। रेलवे ट्रांसपोर्ट द्वारा यदि पार्सल भेजे जाते है तो उससे व्यापारी को समय एवं शुल्क का फायदा होगा।

साथ ही फोस्टा ने रेलवे अधिकारियों से मांग रखते हुए कहा कि यदि उधना स्टेशन पर एक हमे बुकिंग के लिए जगह मिले तो, उससे सूरत से रेलवे के माध्यम से पार्सल भेजने में गति मिलेगी। क्योंकि बुकिंग के लिए उचित स्थान न होने से भी व्यापारियों को रेलवे के माध्यम से बुकिंग करने में परेशानी आती है। यदि एक जगह मुहैया कराइ जाये तो उससे बुकिंग में आसानी होगी और रेलवे का व्यापार बढेगा।

 कई ट्रेनों के जरिये हो रही गुड्स की डिलीवरी

रेल अधिकारी ने रेलवे ट्रांसपोर्टेशन सुविधा के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में सूरत से वाराणसी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दानापुर, बंगाल ट्रेन के माध्यम से गुड्स डिलीवर किये जा रहे है। साथ ही आगे भी और जगहों पर गुड्स हेतु ट्रेन की बातचीत चल रही है। जल्द ही उसपर उचित निर्णय लिया जायेगा। सूरत कपड़े व्यापार का केंद्रबिंदु है। पूरे भारत में कपड़ा सप्लाई होता है। बैठक में रेलवे के अधिकारी डॉ. मनोज बरहत ( आईआरटीएस ), एरिया रेलवे मेनेजर, वलसाड सबडिविजन, सौरभ कुमार ( आईआरटीएस) डिविजन कोमर्सियल मैनेजर, मुंबई एवं मुकेश सिंह, एरिया ऑफिसर और फोस्टा डायरेक्टर, सूरत गुड्स ट्रांसपोर्ट के पदाधिकारी एवं मार्केट के अग्रणी व्यापारी उपस्थित रहे।

 रेलवे ट्रांसपोर्टेशन में व्यापारियों हो रही समस्याएं

– रेलवे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से गुड्स भेजने पर उसके ट्रेकिंग की सुविधा उपलब्ध नही है। एक ट्रेन में करोड़ो का माल भेजा जाता है, जिसमें उसके ट्रेकिंग होना आवश्यक है।

– वेस्टर्न रेलवे और इस्टर्न रेलवे में आपसी समन्वय की कमी से रेलवे में भेजे माल को उतारने में अनियमितता रहती है।

– वाराणसी रेलवे स्टेशन में गुड्स माल की डिलीवरी प्लेटफोर्म नबर 9 पर होती है, वहा से स्टेशन के बाहर लाने में लेबर का चार्ज, पार्सल डेमेज इत्यादि का नुकशान व्यापारियों को भुगतना पड़ता है। जिससे वाराणसी के लिए रेलवे ट्रांसपोर्टेशन में का उपयोग कम हुआ है।

– स्टेशन पर प्लेसमेंट की समस्या रहती है, जिसपर उचित निर्णय लिए जाना चाहिए।

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