सूरत की युवती ने 50 किलो देशी मकई से बनाई गणेशजी की मूर्ति
आज बुधवार से गणेशोत्सव का पर्व प्रारंभ हो गया है। चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है। भक्तों में गणेश उत्सव को लेकर उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। इस साल भक्तों ने श्रीजी को अलग-अलग थीम पर स्थापित किया है, जबकि सूरत की डॉक्टर अदिति ने गणपतिजी को मकई से बनाया है। 50 किलो मकई से भगवान गणेश की मूर्ति बनाई गई है। और इस मूर्ति को वर्तमान में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के मैदान में स्थापित किया गया है।
घर गली मोहल्लों में गणपति जी की स्थापना की गई है। पिछले कई सालों से अनोखे गणपति बनाने वाली डॉ. अदिति मित्तल ने देसी कॉर्न से इस साल अनोखा गणपति जी बनाया है। और मक्के के रेशे से उन्होंने गणपति जी का वाहन मूषक बनाया है।
इस बारे में डॉक्टर अदिति मित्तल ने कहा “हर साल मैं एक अलग प्रकार के गणपति बनाती हूं, इसलिए इस साल मैं कुछ अलग बनाना चाहती थी। जो प्रकृति से जुड़ा हुआ होऔर इसलिए मैंने मकई से गणपति बनाने का विचार किया। मैंने 250 मकई को मिलाकर गणपति जी बनाया। देशी मक्के का तार से और मक्के के रेशे से उनका वाहन मूषक बनाया है।
दस दिनों के बाद गरीब बच्चों में बांटी जाएंगी मकई की भेल
दस दिनों में मकई खराब न हो, इसके लिए हमने कच्चे मकई मंगवाए हैं और यह मूर्ति बनाई है। दस दिनों के बाद यह मकई पक कर मक्के का भेल बनाकर गरीब बच्चों को बांटा जाएगा।