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सूरत : रजत जयंती वर्ष में श्री उमरा संघ निकालेंगा अहिंसा और धार्मिकता की सुगंध फैलाती महा पदयात्रा

सूरत। श्री उमरा जैन संघ के रजत जयंति वर्ष पर सूरत से श्री शत्रुंजय गिरिराज (पालिताना) के 30 दिवसीय 350 किमी पदयात्रा यात्रा निकाली जाएगी। आचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरिजी म. सा. के सान्निध्य में निकाली जानेवाली पदयात्रा को 24 नवंबर को सूरत से प्रस्थान किया जाएगा। तब हजारों की संख्या में भाविक उमड़ेंगे। प्रतिदिन 12-13 किमी पैदल चलकर हर गांव में जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सामग्री, कपड़े, बर्तन, अनाज-अनाज-मिठाई, शॉल-स्वेटर उपलब्ध कराया जाएगा। नशामुक्ति, जीवन-शुद्धि के मंत्र नियमित व्याख्यानों के माध्यम से दिए जाएंगे, जिससे हजारों लोगों का जीवन संवरेगा। 100 साधु साध्वीजी सहित 350 पदयात्री शामिल होंगे। आखिरी सप्ताह में यह संख्या 1 हजार को पार कर जाएगी। 30 दिनों तक सूरत से सौराष्ट्र का सफर तय किया जाएगा।

विराट अहिंसा-सदाचार- पदयात्रा का आयोजन क्यों?

इस साल वि. सं. 2078 के चातुर्मास (सन 2022) का चातुर्मास के लिए श्री उमरा जैन संघ सूरत में प्रखर जैनाचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरिजी महाराज और श्रमण-श्रमणी वृंद का आगमन हुआ है। चातुर्मास का वातावरण बहुत अच्छा, ज्ञानवर्धक और श्रोताओं का ज्ञान आनंद देनेवाला था। श्री उमरा संघ के प्राण समान श्री कुंथुनाथ और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रमुख जिनालय की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसे अनोखे तरीके से करने का फैसला किया। पालिताना स्थित शत्रुंजय महारीत्ना विराट छ:रिपालक महासंघ को आचार्य भगवंत श्री ने प्रेरित किया। उमरा संघ के प्रमुख ट्रस्टी श्री युवावर्ग, श्रोतागण आदि ने इसका स्वागत किया। और अब 24 नवंबर को भव्य अहिंसा-सदाचार-विजय पदयात्रा सूरत से निकलेगी। जिसका 24 दिसंबर को समापन पालीताना स्थित शत्रुंजय महातीर्थ में होगा।

क्या होगी खासियत यह छ:री पालक विराट अहिंसा सदाचार पदयात्रा की

• भगवान की छवि एक सुंदर कलात्मक, सुशोभित रथ में विराजित होगी, जिसके साथ एक शानदार रचना भी होगी।
• मस्त चाल से सजे गजराज, ऊँट गाड़ियाँ आपको प्राचीन सभ्यता की याद दिला देंगी।
• 350 पदयात्री होंगे जिनमें 100 साधु-साध्वीजी का भी लाभ प्राप्त होगा।
• महातीर्थ के मधुर स्वरों में भक्ति करने वाले बैंड, ढोल, शरनाई वातावरण को गुंजायमान कर देंगे।
• पदयात्रियों की भक्ति व्यवस्था के लिए आवास हॉल और भोजन कक्ष बनाया जाएगा।
• जिनालयों को रोशनी से सजाया जाएगा। भव्य आरती होगी।

आचार्य देवश्री के निश्रा में कितनी पदयात्राएं निकली ?

12 साल में ही दीक्षा ग्रहण करनेवाले और 60 से भी ज्यादा साल संयम जीवन का पालन करनेवाले जैनाचार्यश्री जिनचंद्रसागरसूरिजी म. सा. के सान्निध्य में 45 से ज्यादा पदयात्रा निकल चुकी है। जिसमें चेन्नई से पालिताणा 135 दिन, सूरत से शिखरजी (झारखंड) 140 दिन, सूरत से पालीताना (30 दिन) दो बार, रतलाम से पालीताना (30 दिन) दो बार, इंदौर से पलिताना (36 दिन) दो बार इस तरह हजारों भाविक जुड़े है और अभूतपूर्व धार्मिक विकास हुआ हैं।

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