सूरत

सूरत: पति व दो बच्चों को छोड़कर प्रेमी के शरण जाने वाली विवाहिता को मिला ‘धोखा’

वराछा की महिला ने प्रेमी पर भरोसा कर सब कुछ कुर्बान कर दिया, लेकिन..

अपने पति और बच्चों को छोड़कर पड़ोसी प्रेमी के साथ दुनिया बसाने चली गई वराछा की विवाहिता को धोखा मिला। खुद को कुंवारे बताने वाले एक युवा प्रेमी के शरण महाराष्ट्र आई विवाहिता के सामने प्रेमी शादीशुदा और दो बच्चों का पिता होने की बात आई तो उसके सभी सपने तब चकनाचूर हो गए। वराछा क्षेत्र की विवाहिता के साथ हुआ धोखा अफेयर रखनेवाली शादीशुदा महिलाओं के लिए लाल बत्ती समान हैं।

बात यह है कि महाराष्ट्र में जन्मी महिला की शादी दस साल पहले सौराष्ट्र निवासी धनसुख से हुई थी। जौहरी के रूप में काम करते हुए धनसुख नौ और पांच साल के दो बेटों और पत्नी अर्चना सहित परिवार का गुजारा चलाता है। महिला का चार साल पहले एक पड़ोसी महाराष्ट्रीयन युवक के साथ प्रेम संबंध बने थे। खुद को कुंवारे बताने वाले प्रेमी युवक पर सब कुछ निछावर करनेवाली महिला को अकेला छोड़कर एक साल पहले प्रेमी महाराष्ट्र में अपने पैतृक भुसावल गया था।

हालांकि, महिला लगातार उससे मोबाइल फोन पर संपर्क करती रही। इसी बीच एक माह पहले विवाहिता अपने पति और दो बच्चों को छोड़कर प्रेमी के साथ जीवन शुरू करने का सपना लेकर महाराष्ट्र चली गई। पहले प्रेमी ने महिला को उससे दूर रखने की कोशिश की। उसके बाद प्रेमी न सिर्फ शादीशुदा था, बल्कि दो बच्चों की पिता भी था। प्रेमी की काली करतूत सामने आने के बाद भी उसने विवाहिता को प्रेमजाल में फंसा रखा और अपने परिचित के खेत में मजदूरी करने लगा दिया। हालांकि बीस दिन वहां काम करने के बाद विवाहिता को अपने बच्चों की याद आई और वह घर लौट आई।

घर से भागी विवाहिता की वराछा थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। विवाहिता सीधी वहां पहुंचकर पुलिस से पति के घर जाने की गुहार लगाई। लेकिन प्रेमी के चक्कर में विश्वासघात करनेवाली विवाहिता को स्वीकार करने से धनसुख ने इनकार कर दिया। जिसके चलते विवाहिता 6 को सिविल कैंपस स्थित कार्यालय महिला एवं बाल अधिकारिता द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर ले जाया गया।

विवाहिता को चार दिन यहां रखने के साथ ही केंद्र व्यवस्थापक ममताबेन समेत टीम ने उसकी और उसके पति धनसुख की काउंसलिंग की। सखी वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों के प्रयास से आखिरकार धनसुख ने अपने बच्चों की खातिर धोखेबाज महिला को बड़े दिल से स्वीकार कर लिया और उसका संसार बिखरने से बच गया।

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