गुजरात समेत सूरत में बड़ी तादाद में महाराष्ट्र के विभिन्न समाज के लोग बसे हुए है। भले ही उनकी जन्मभूमि महाराष्ट्र हो, लेकिन गुजरात को अपनी कर्मभूमि बनाकर गुजरात के विकास में अहम योगदान दे रहे है। गुजरात राज्य में प्रवासी एससी, एसटी, ओबीसी समाज के छात्रों को अभी जाति प्रमाण पत्र से वंचित रहना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के विभिन्न समाज के छात्रों को भी उनका हक्क की मांग को लेकर शिव शक्ति भीम शक्ति-अल्पसंख्यक फाउंडेशन ने सूरत जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
छात्र जाति प्रमाण पत्र के अभाव से शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण के लाभ से वंचित
गुजरात में महाराष्ट्र के विभिन्न समाज के लोग पिछले 40 से ज्यादा सालों से बसे हुए है। हर क्षेत्र में अपना योगदान देकर गुजरात के विकास गाथा में उनकी भी अहम भूमिका रही है। लेकिन उन्हें भारत के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों से वंचित रहना पड़ रहा है। छात्रों को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पहले भी लगा चुके है गुहार
फाउंडेशन के नेता सुरेश सोनवणे ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले भी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री सीआर पाटिल से गुहार लगा चुके है, तब जिन्होंने इस मुद्दे पर उचित निर्णय लिए जाने का भरोसा दिया था। लेकिन, अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए। सुरेश सोनवणे ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।