द सर्दन गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के तहत सूरत में पूर्व मुख्य सचिव प्रवीण के. लहेरी (आईएएस) के साथ एक संवादात्मक बैठक का आयोजन किया गया।
गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव प्रवीण के. लहेरी ने कहा कि चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा शुरू किया गया मिशन 84 संभव है लेकिन मुश्किल काम नहीं है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए एक खास रणनीति बनानी होगी और उसी के अनुरूप अमल करना होगा।
औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चे माल, परिवहन की कठिनाई उत्पन्न होती है। मुंबई में अनावश्यक प्रतीक्षा अवधि होती है, इसलिए लॉजिस्टिक्स सेवा के लिए एक विशिष्ट रणनीति बनाई जानी चाहिए और उसके अनुसार काम करना चाहिए। इसके लिए सूरत में एक्सपोर्ट जोन बनाना होगा और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक सुविधा तैयार करनी होगी।
सूरत में कपड़ा और हीरे के अलावा अन्य उद्योगों के लिए जीआईडीसी की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर शहर के बाहर अच्छे औद्योगिक एस्टेट बनाए जाने चाहिए। औद्योगिक संपदा बनेगी तो निवेश अपने आप आएगा। कपड़ा और हीरा क्षेत्र में सफल उद्यमियों को साहसपूर्वक और समझदारी से अन्य क्षेत्रों में भी उद्यम करना चाहिए। सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों को रेडीमेड गारमेंट बनाकर निर्यात करना चाहिए। उद्योगपतियों को निर्यातोन्मुख इकाइयां स्थापित करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि सूरत के युवाओं में उद्यमिता है, जिसे ध्यान में रखा जाना चाहिए और सूरत में स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न का माहौल बनाया जाना चाहिए। उद्यमियों को विश्वकर्मा जैसी विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन करना होगा। लघु उद्योगों को मजबूत करने के प्रयास किये जाने चाहिए।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ाने एवं विकसित करने के प्रयास किये जाने चाहिए। इसके अलावा रीसाइक्लिंग तकनीक को अपनाकर नए उत्पाद विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करना होगा।