पेमेंट की धारा फिर से चार माह होने से कपड़ा व्यापारी और कारखानदार चितिंत
सूरत। फरवरी से कपड़ा बाजार में पेमेंट की धारा में फिर से बदलाव आया है। अच्छे व्यापारी भी डेढ़ माह के बजाय तीन-चार माह पेमेंट नहीं दे पा रहे है। बाहरगांव के पेमेंट में देर होने से कारखान भी परेशान है।
बाहरगांव के पेमेंट देरी से आने से नई खरीदी पर अचानक ब्रेक लग गया है। इसी तरह टेक्सटाइल उद्योग की पूरी चेन पर असर पड़ा है। बाहरगांव से पेमेंट नहीं आने की फरियाद व्यापारी कर रहे है, वहीं पेमेंट के लिए कारखानदारों को मार्केट के चक्कर कांटने पड़ रहे है।
महिने डेढ़ माह पहले पेमेंट की धारा बहुत ही व्यवस्थित थी। कोई शिकायत नहीं करता था और रेग्युलर पेमेंट होता था। लेकिन अचानक क्या हुआ कि फिर से धारा बिगड़ गई। पेमेंट चार माह भी नहीं होने की शिकायत व्यापारी कर रहे है। सबसे ज्यादा असर वीविंग उद्योग कारखानदारों पर हुआ है।
पहले रेग्युलर पेमेंट के कारण बेलेंस प्लस में रहती थी, वह अभी कम हो गई है। मार्केट के अच्छे व्यापारी भी 45 के बजाय 100 दिन में भी पेमेंट नहीं कर पा रहे है। पेमेंट की वसूली करने पर कारखानदारों को फोन करके बताएंगे, दुकानदार पर धक्का खाने की जरूरत नहीं है ऐसा कह रहे है।