धर्म- समाज

सभी के सुख की कामना करने वाला ही सुखी मानव : शंकाराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ

मुंबई। कांदिवली पूर्व स्थित डॉ बाबासाहब अंबेडकर मैदान, लोखंडवाला मे नारायण सेवा समिति मुंबई द्वारा आयोजित 1 जनवरी 2023 तक चल रहे ज्ञान यज्ञ के छठे दिन अनंत श्री विभूषित काशी धर्मपिठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि संसार में ईश्वर से बड़ा कोई नहीं है जबकि ईश्वर सर्वशक्तिमान होते हुए भी सभी का भला करता है। जो व्यक्ति सर्वे भवन्तु सुखिन: के मार्ग पर चलना शुरू करता है वह सुख – शांति से जीवन बिताता है। यही जीवन मंत्र है। जो दूसरे प्राणियों का अहित करता है, वह मानव भगवान का ही अहित करता है। इसलिए कभी किसी का अहित ना तो करो, ना चाहो। यह समझो कि तुम्हारे पास जो कुछ भी साधन सामग्री है सभी जगत रूप भगवान की सेवा के लिए ही है। अपने को अनन्य सेवक मानो।

संसार में सात प्रकार के मनुष्य हैं- सर्वश्रेष्ठ वे हैं जो अपनी हानि करके भी दूसरों को लाभ पहुंचाते हैं। दूसरे वे हैं, जो अपनी हानि न करके दूसरों को लाभ पहुंचाते हैं। तीसरे वे हैं, जो अपने लाभ के लिए ही प्रयत्नवान रहते हैं, दूसरों की चिंता नहीं करते। चौथे वे हैं, जो अपने आप में दूसरों की हानि होते देखते हैं, तो उसे सह लेते हैं कोई परवाह नहीं करते। पांचवे वे हैं, जो दूसरों की हानि होती हो और उसमें अपना लाभ दिखता हो तो दूसरों को हानि पहुंचा देते हैं। छठे वे हैं, जो जानबूझकर सदा दूसरों के हानि ही करते रहते हैं और उसी में अपना लाभ मानते हैं और सातवें सबसे नीच मनुष्य वे हैं, जो अपनी हानि करके भी दूसरों को हानि पहुंचाना चाहते हैं।

उक्त जानकारी काशी धर्म पीठ के प्रवक्ता डॉ दयानंद तिवारी ने दी है।

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