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सूरत में एक ऐसा एक महादेव का मंदिर जो बना है स्मशान भूमि में, जानें भूतनाथ महादेव मंदिर के माहात्म के बारे में

भगवान भूतनाथ सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं

आज आपको सूरत शहर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान शिवजी की पूजा भूतनाथ रूप में की जाती है। उमरा श्मशान भूमि पर करीब 45 साल पहले बने इस मंदिर का नाम भूतनाथ महादेव मंदिर हैं। देवों के देव भगवान महादेव, जिनका एक नाम भूतनाथ भी है। वह ना सिर्फ देवी-देवता और इंसानों के देव हैं बल्कि भूत व दानवों के भी देवता माने जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि पर जिस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था, उनकी बारात में भूत-प्रेत सभी बाराती बनकर गए थे। सभी लोग उनकी उपासना समान रूप से करते हैं।

कोलकाता के प्रसिद्ध भूतनाथ महादेव मंदिर की तर्ज हुआ मंदिर का निर्माण

मदिर के पुजारी जयदेवपुरी वजूपुरी गोसाई ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण कोलकाता के प्रसिद्ध भूतनाथ महादेव मंदिर की तर्ज पर कराया गया था। भूतों के साथ वास होने पर उनके साथ यहां माता पार्वती नहीं रहती है, शिवजी अकेले ही रहते हैं। भगवान शिव का भूतनाथ रूप भगवान नटराज के पहले का रूप है।

उमरा श्मशान भूमि पर करीब 45 साल पहले बना है मंदिर

पुजारी जयदेव पुरी गोसाई ने बताया कि कोलकाता के मंदिर में श्मशान की भूमि से भस्म आरती की जाती है, लेकिन यहां पर सामान्य तौर पर अन्य शिव मंदिरों की तरह ही आरती होती। 45 सालों में एक बार ही यहां भस्म आरती हुई। यहां शिवजी का महाशिवरात्रि, सावन माह विशेष कर सावन सोमवार, अमावस्या सहित अन्य त्योहारों पर अदभुत शृंगार किया जाता है। हालांकि मंदिर में सूर्यास्त के बाद आरती नहीं होती है, लेकिन दर्शन के लिए मंदिर 24 घंटे खुला रहता है।

भक्तों का लगता है तांता

सिटीलाइट, वेसू, सलाबतपुरा, भागल सहित अलग-अलग क्षेत्रों से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। भगवान भूतनाथ सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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