सूरत। व्यापार में पारदर्शिता लाने और कर चोरी रोकने के लिए सिस्टम किए जा रहे बदलाव के तहत जीएसटी विभाग द्वारा एक और बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को छह अंकों का एचएसएन कोड दर्ज करना होगा, जबकि 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को चार अंकों वाला एचएसएन कोड दर्ज करना होगा। अगर व्यापारी इस तरह से एन्टी नहीं करेंगे तो कोई ई-वे बिल नहीं बनेगा।
जीएसटी विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नया संशोधन 1 अक्टूबर से लागू होगा। पहले यह व्यवस्था 2020 से ही लागू कर दी गई थी। लेकिन कुछ व्यापारी इसको लागू नहीं करते होने का जीएसटी विभाग को पता चला है। जिसके आधार पर 1 अक्टूबर से संशोधन किया गया है।
टेक्स कन्सल्टन्ट नारायण शर्मा ने कहा कि कुछ व्यापारी ई-वे बिल बनाते समय कोई एचएसएन कोड दर्ज नहीं कर रहे थे, जिससे पता चलता है कि कौन सी वस्तु भेजी जा रही है। व्यापारी का टर्नओवर कितना है? उनकी जानकारी व्यवस्थित रूप से नहीं मिल सकी। इन सभी गलत प्रथाओं को रोकने के लिए जीएसटी विभाग ने 1 अक्टूबर से नए सुधार लागू करने की सलाह दी है। जिसमें 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को छह अंक का एचएसएन कोड दर्ज करना होगा, जबकि 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को चार अंकों का एचएसएन कोड दर्ज करना होगा।