
रजत जयंती वर्ष पर 13 मार्च को होगा विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
सूरत। श्रीहरि सत्संग समिति द्वारा विशाल राष्ट्रीय कवि सम्मलेन आयोजन रविवार 13 मार्च को किया जायेगा। इसकी जानकारी के लिए समिति द्वारा गुरुवार को प्रेसवार्ता का आयोजन एयरपोर्ट के सामने अग्र एग्जोटिका के बोर्ड रूम में किया गया। जिसमें श्रीहरि के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सीए महेश कुमार मित्तल ने बताया कि यह वर्ष श्रीहरि का रजत जयंती वर्ष है।
एकल अभियान के अन्तर्गत श्रीहरि सत्संग समिति देश के वनवासी समाज की शिक्षा एवं संस्कार के विकास हेतु प्रयासरत है। श्रीहरि अपने वनवासी सेवार्थ कार्यों के प्रति शहरीजनों को प्रेरित करने के उद्देश्य से रविवार, 13 मार्च 2022 को साऊथ गुजरात युनिर्वसिटी के कन्वेंशन हॉल में एक विराट हास्य कवि सम्मेलन करने जा रही है।
श्रीहरि के प्रदेश अध्यक्ष रतनलाल दारूका एवं चैप्टर अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने बताया कि इस बार कवि सम्मेलन में वरिष्ठ हास्य व्यंग्यकार सुरेन्द्र शर्मा, वीर रस के हरिओम पंवार, नारी सशक्तिकरण का प्रतीक कवियित्री कविता तिवारी, हास्य कवि शशिकान्त यादव, लाफ्टर फेम सुदीप भोला एवं गौरव शर्मा काव्य पाठ करेंगे। मंत्री विश्वनाथ सिंघानिया एवं कोषाध्यक्ष अशोक टिबडेवाल ने जानकारी प्रदान की कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुभारती चैनल पर किया जायेगा। यह कार्यक्रम वनवासी समाज के सहायतार्थ सम्पन्न किया जा रहा है।
मकर संक्रान्ति योजना की राष्ट्रीय प्रभारी श्रीमती मंजु मित्तल एवं चैप्टर महिला अध्यक्ष कुसुम सराफ ने जानकारी प्रदान की कि श्रीहरि की गौ – ग्राम योजना के अन्तर्गत बिन दुधारू गौ-वंश को एकल गांवों के किसानों को देंगे और गाय के गोबर और गौमूत्र से निर्मित उत्पादों द्वारा उस परिवार को स्वावलम्बी बनायेंगे । गौ-ग्राम योजना का शुभारम्भ एवं प्रशिक्षण झारखण्ड प्रान्त से हो चुका है।
श्रीहरि के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सीए महेश कुमार मित्तल ने बताया कि वर्तमान में गुजरात के वनवासी बहुल डांग, तापी, नर्मदा, भरूच, हिम्मतनगर, छोटाउदेपुर, दाहोद, महीसागर एवं पंचमहल जिलों में 2220 संस्कार शिक्षा केन्द्र, 2 मोबाईल हरि मंदिर रथ, सोनगढ़ एवं नडियाद में श्रीराम कथा के व्यास प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं। पूरे भारतवर्ष में 66334 संस्कार शिक्षा केन्द्र चल रहे हैं।
वर्ष 2025 तक इस संख्या को बढ़ाकर 4 लाख गांवों तक पहुंचाने एवं प्रति वर्ष 2000 नये व्यास कथाकार प्रशिक्षित करने की योजना है। श्री महेश मित्तल ने आगे बताया कि श्रीहरि के प्रयासों से वनवासी समाज में व्यसन मुक्ति की दिशा में सार्थक कार्य हुआ है, धर्मान्तरण पर रोक लगी है, गांव एवं शहर में समरसता कायम हुई है और वनवासी समाज में राष्ट्रवाद की भावना विकसित हुई है।