केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट पर सूरत के व्यापारी और उद्यमियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। गुजरात के उद्योग जगत ने इस बजट को संतुलित माना है। बजट से एमएसएमई और हीरा उद्योग खुश है। वहीं मोदी 3.0 के पहले बजट में कपड़ा उद्योग को कुछ खास नहीं मिलने से निराशा फैल गई है। पर्सनल टैक्स और जीएसटी में राहत मिलने के साथ ही गुजरात भर के औद्योगिक संगठनों ने बजट को संतुलित बताते हुए इसका स्वागत किया है।
यह बजट समाजोन्मुखी और आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट समाजोन्मुखी और आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर है। उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि इस बजट को संतुलित बजट कहा जा सकता है। 12 औद्योगिक पार्कों की योजना बनाई गई है। इसका फायदा सूरत को भी हो सकता है। ई-कॉमर्स हब विकसित होने से निर्यात बढ़ सकता है। छोटे-छोटे देशों, शहरों को भी इससे बढ़ावा मिल सकता है। सेफ हार्बर रेट की घोषणा से हीरों की खनन करने वाली विदेशी कंपनियां सीधे सूरत आकर हीरे बेच सकेंगी। इससे सूरत शहर के हीरा उद्योग को बड़ा फायदा हो सकता है।
बजट से अर्थव्यवस्था को मिलेगी उंचाई : संजय सरावगी, उद्यमी
बजट बहुत ही दूरगामी प्रभाव वाला है, इसमें पॉलिसी लेवल पर काफ़ी बदलाव किये गये है, जिससे की आने वाले समय में ये भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा और ऊँचाई पर ले जायेगा।
व्यापारियों के लिए बजट में अच्छा प्रावधान : कैलाश हाकिम अध्यक्ष, फोस्टा
व्यापारियों के लिए बजट में अच्छा प्रावधान किया है। एमएसएमई के दौरान बैंक लोन आसान हो इसके लिए नई व्यवस्था की गई। मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाई, ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित होंगे।
इनसे व्यापारियों को अपने व्यापार में आसानी रहेगी।
टैक्स में कटौती करने से व्यापार में लाभ मिलेगा : प्रल्हाद अग्रवाल, अध्यक्ष अकास
आज का बजट सूरत के कपड़ा व्यापारी के लिए काफी लाभ दायक रहा, जो भी कटौती वित्त मंत्री ने टैक्स में की हैं उससे व्यापार में लाभ मिलेगा। एमएसएमई सेक्टर में लोन की क्रेडिट सीमा को बढ़ाने से छोटे उद्योग वालो का काफी भला होगा। हालांकि यह बजट शेयर मार्केट वालो के लिए काफी नुकसान दायक रहेगा।
उद्योगों के लिए अच्छा प्रावधान: प्रमोद भगत, CAIT अध्यक्ष गुजरात
बजट में कृषि क्षेत्र में बड़ी राशि आवंटित की गई है और उद्यमिता में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान स्वागत योग्य है। मुद्रा लोन में 10 लाख की सीमा बढ़ाकर 20 लाख करना भी स्वागत योग्य है, इससे छोटे उद्यमों को बहुत फायदा होगा। उद्योगों के लिए भी अच्छा प्रावधान किया गया है जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर पैदा होंगे। इनकम टैक्स में बदलाव स्वागतयोग्य है। व्यापारियों की पेंशन और जीएसटी कानून में संशोधन की कोई मांग नहीं मानी गयी।
व्यापारियों की मांग नहीं हुई पूरी : रंगनाथ सारड़ा
सूरत कपड़ा व्यापारियों की एक महत्वपूर्ण डिमांड इनकम टैक्स रिलेटेड सेक्शन 43 बी एच क्लोज, इसको नाबूत करने अथवा संशोधन करके 45 दिन पेमेंट कंडीशन की जगह 90 दिन की मांग थी। इस पर हमें पूर्ण विश्वास था कि इस सेक्शन का आज के इस बजट में सरलीकरण होगा लेकिन इस पर कुछ भी नहीं आया। इससे माइक्रो एवं स्मॉल व्यापारियों को निराशा हाथ लगी खैर आगे भी इसे हम अन्य संस्थाओं के जरिए उठाते रहेंगे।
लघु उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा : जगदीश कोठारी – फोस्टा डायरेक्टर
भारत की अर्थव्यवस्था गाँव और कृषि पर आधारित है इसलिए सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रखा है। एमएसएमई को बल देने के लिए आम बजट 2024 में बिना गिरवी रखे लोन और मुद्रा लोन 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने,12 नए इंडस्ट्रियल पार्क बनने से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नए रोज़गार के अवसर मिलेंगे।आयकर सीमा 3-6 की जगह 3-7 लाख करने से मध्यम वर्ग को फ़ायदा होगा।
सभी का ध्यान रखा : कपीश खाटूवाला, व्यापारी
सरकार ने बजट में नौकरी पेशा, किसान, स्टूडेण्ट, महिलाओं सभी का ध्यान रखा है। रोज़गार, युवाओं को इंटर्नशिप, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग आदि को बढ़ावा देकर विकसित भारत बनने की तरफ़ कदम बढ़ाया है। एक तरह का संतुलित बजट है। एमएसएमई में बदलाव नहीं किया जिससे कपड़ा बाज़ार को निराशा हुई है।
आम बजट 2024 आम आदमी का बजट : बसंत खैतान, सामाजिक कार्यकर्ता
मोदी सरकार 3.0 का बजट विकसित भारत की और बढ़ने वाला बजट है। भारत की अर्थव्यवस्था गाँव और कृषि पर आधारित है इसलिए सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रखा है। साथ हि 3 करोड़ पीएम आवास बनाने का एलान किया है। जिससे गरीब वर्ग का घर का सपना सच होगा। 2.66 लाख करोड़ ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा है। कुल मिलाकर यह बजट गाँव गरीब किसान का बजट है।