गुजरात में पिछले कुछ दिनों में कुछ जिलों में वायरल एन्केफेलाइटिस (चांदीपुरा) वायरस के संक्रमण से छोटे बच्चों, विशेषकर 9 महीने से 14 साल तक के बच्चों की मौत के मामले सामने आ रहे है। गनीमत है कि सूरत जिले में चांदीपुरा वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है, ताकि लोगों में कोई भय न फैले।
एन्केफेलाइटिस (चांदीपुरा) वायरस क्या है?
यह एक आरएनए वायरस है। इसके संक्रमण से रोगी को मस्तिष्क (एन्केफेलाइटिस) का शिकार हो जाता है। इस वायरस के फैलने के लिए सेन्डफ्लाय ( मक्खियाँ ) जिम्मेदार हैं। और यह वायरस 9 महीने से लेकर 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है।
एन्केफेलाइटिस (चांदीपुरा) वायरस के लक्षण
ए. बच्चे को तेज बुखार आना।
बी. बच्चों को दस्त होना।
सी. उल्टियां होना।
डी. मिर्गी आना।
ई. अर्धचेतन या बेहोश होना।
एन्केफेलाइटिस (चांदीपुरा) वायरस संक्रमण से बचने के लिए क्या करें?
1. जहां तक संभव हो बच्चों को घर के बाहर आंगन में (धूल में) नग्न होकर खेलने नहीं देना चाहिए।
2. इस बात पर जोर दें कि बच्चे कीटनाशकों से उपचारित मच्छरदानी में सोएं।
3. सेन्ड फ्लाइ ( मक्खी ) से बचाने घर की भीतरी और बाहरी दीवारों में दरारें, छेद बंद करना।
4. मच्छरों के संक्रमण को रोकने के लिए समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें।
ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने दिए दिशा-निर्देश
केंद्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वायरल एन्केफेलाइटिस (चांदीपुरा) वायरस रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए एहतियाती उपायों के तहत मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला एपीडेमिक मेडिकल आफिसर, एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सिस्टम ने जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को इस बीमारी से बचाव के दिशा-निर्देशों के प्रति जागरूक रहने का निर्देश दिया है।