बिजनेससूरत

उत्पाद कोई भी हो, निर्यात के लिए दो चीजें जरूरी हैं, 50 फीसदी तैयारी और 50 फीसदी बाजार : डॉ. जगत शाह

विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डॉ. जगत शाह ने उद्योगपतियों-निर्यातकों को दी अहम जानकारी

सूरत। द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और द सिंथेटिक्स एंड रेयॉन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की संयुक्त पहल के तहत 21 जनवरी, 2023 को समृद्धि, नानपुरा, सूरत में ‘ऑन साइट एक्सपोर्ट मार्केट मोबिलाइजेशन, सेंसिटाइजेशन एंड ट्रेनिंग प्रोग्राम’ पर एक सेमिनार आयोजित किया गया था। जिसमें विशेषज्ञ वक्ता के रूप में ग्लोबल नेटवर्क ऑफ अहमदाबाद के संस्थापक, अध्यक्ष व मेंटर डॉ. जगत शाह ने वैश्विक बाजार में विभिन्न उत्पादों के निर्यात के लिए उद्यमियों और निर्यातकों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विजन है और उन्होंने देश के उद्योगपतियों से निर्यात बढ़ाने का आग्रह किया है। भारत के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2030 तक कपड़ा निर्यात को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है, वहीं सूरत के कपड़ा उद्योग और निर्यातकों को निर्यात बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास करने होंगे। इसके लिए उद्यमियों और निर्यातकों को उचित मार्गदर्शन देने के लिए चैंबर द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

SRTEPC के अध्यक्ष धीरज शाह ने कहा कि मानव निर्मित फाइबर कपड़ा निर्यात के लिए भारत और वैश्विक बाजार का भविष्य है। जैसे-जैसे एमएमएफ का उत्पादन और खपत बढ़ती जा रही है और इसकी वैश्विक मांग बढ़ती जा रही है, निर्यातकों को भी दुनिया के विभिन्न बाजारों में विभिन्न उत्पादों के लिए निर्यात की संभावनाएं तलाशनी होंगी।

वक्ता डॉ. जगत शाह ने कहा कि एक्सपोर्ट करने के लिए दो चीजें जरूरी हैं। जिसमें 50 फीसदी तैयारी और 50 फीसदी बाजार शामिल है। जितना अधिक निर्यातक निर्यात कारोबार में अपना ज्ञान बढ़ाएंगे, उतना ही व्यापार में वृद्धि होगी। भारतीयों से बेहतर उद्यमी दुनिया में कोई नहीं है। भारत के उद्यमी चाहें तो निर्यात बाजार में अगले साल की योजना बना सकते हैं। उसके लिए उन्होंने उद्यमियों को कास्टिंग के लिए डिजाइन थिंकिंग, फैशन पर ध्यान देने की सलाह दी।

उन्होंने उद्यमियों के साथ-साथ निर्यातकों को सलाह दी कि वे केवल एक उत्पाद में दूसरों की तुलना में कुछ अलग करें और बहुत से नहीं। उसके लिए केस स्टडी बहुत जरूरी है, इसलिए उन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले लोगों की जरूरतों पर शोध कर उस दिशा में गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के निर्यात का तरीका अपनाने की सलाह दी। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से उद्यमियों और निर्यातकों को इस मामले को समझाया।

आगे उन्होंने कहा कि जिन खरीदारों के उत्पाद विदेशों में निर्यात किए जाते हैं, उनसे उनके व्यवसाय में 10 से 20 प्रतिशत निवेश करने के लिए जोर देकर उनकी कंपनी में निवेश किया जा सकता है। ताकि लंबे समय तक विदेशी खरीदारों के साथ कारोबार किया जा सके।

उन्होंने निर्यातकों को अलग-अलग वेबसाइट की जानकारी देते हुए कहा कि प्रोडक्ट कोई भी हो अगर आप ज्ञान लेकर तैयारी करेंगे तो बिजनेस जरूर मिलेगा। उसके लिए उन्होंने निर्यातकों को किन्हीं पांच देशों का चयन कर उत्पाद का अध्ययन कर उसका निर्यात करने की सलाह दी। उन्होंने निर्यातकों को लिंक्डइन के जरिए विदेशी खरीदारों से संपर्क करने की सलाह दी।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष रमेश वघसिया ने संगोष्ठी में मौजूद सर्वे का आभार व्यक्त किया। चैंबर के मानद मंत्री भावेश टेलर व मानद कोषाध्यक्ष भावेश गढ़िया व पूर्व अध्यक्ष बी.एस. संगोष्ठी में अग्रवाल भी मौजूद थे। पूरे सेमिनार का संचालन चेंबर की शासकीय योजना समिति के अध्यक्ष राजीव कपासियावाला ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button