
कौनसी रिपोर्ट सटीक मानी जाए? रेपिड पॉजिटिव, आरटीपीसीआर नेगेटिव होने के बावजूद मरीज को सिविल में भर्ती कराया
सूरत: सूरत में एक ओर जहां कोरोना मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर रैपिड टेस्ट और आरटीपीआर टेस्ट के परिणाम भिन्न होने के बावजूद मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यही वजह है कि लोग इस बात को लेकर भ्रमित हैं कि कौन सी रिपोर्ट सटीक मानी जाए।
एक ओर मनपा द्वारा नए स्ट्रेन और वैक्सीनेशन को लेकर लोगों जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर रैपिड टेस्ट और आरटीपीसीआर टेस्ट के विभिन्न परिणामों के बारे में लोग भ्रमित हैं। लोग वर्तमान में भ्रमित हैं कि दोनों में से कौन सा टेस्ट सही है। कोरोनाकाल में टेस्टिंग शुरू होने के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम ही फाइनल होने की बात प्रशासन द्वारा कहीं जा रही थी। लेकिन अब सरकारी चिकित्सकों द्वारा इसे बदले जाने से लोग परेशान हो रहे है।
सूरत सिविल अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने के बावजूद मरीज को भर्ती किया गया था। मरीज की कोई जानकारी नहीं दिए जाने से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। हेल्प डेस्क जिसे मरीजों के परिजनों से बात करने के लिए शुरू किया गया था, वह जैसे लेस डेस्क लग रहा है।