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कोरुगेटेड इंडस्ट्रीज को बचाए रखने के लिए कीमतों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि करेंगे

कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और जीएसटी दरें बढ़ने से लिया फैसला

सूरत। कच्चे तेल में तेजी का सीधा असर कागज उद्योग पर पड़ा है जिसके कारण हाल के दिनों में क्राफ्ट पेपर और अन्य कागजों की कीमतों में वृद्धि हुई है। कागज की बढ़ती कीमतों का कोरूगेटेड इंडस्ट्रीज पर बड़ा असर पड़ा है।

कोरूगेटेड बॉक्स उद्योग के नींव के रूप में जाने जाने वाले क्राफ्ट पेपर की कीमतों में पिछले दो महीनों में 20-25% की वृद्धि हुई है। क्राफ्ट पेपर के अलावा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

देश भर में भारतीय और आयातित वेस्ट कागज की भारी कमी के कारण पेपर मिलों द्वारा कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। फिर भी कागज की कम आपूर्ति के कारण कोरूगेटेड बॉक्स उद्योग संकट से गुजर रहा है।

सूरत कोरूगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जयेश भाई बदलावाला, उपाध्यक्ष राजभाई टिब्रेवाल और सचिव संजयभाई तलाविया ने कहा कि इस मुद्दे पर पूर्व में एक आपात बैठक हुई थी जिसमें उपरोक्त मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई थी।

बैठक में उद्योग को बचाए रखने के लिए बॉक्स की कीमत में तत्काल प्रभाव से 15 से 20% तक की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ जीएसटी की दरें भी 12% से बढ़कर 18% हो गई हैं, जिसने बढ़ती लागत के कारण उद्योग को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।

इसे देखते हुए व्यापारियों को 30 दिनों के भीतर माल का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग को बनाए रखने के लिए उपरोक्त निर्णय लिए गए हैं। वहीं व्यापारियों से सहयोग करने की अपील की है।

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