सूरत

महिला ने शरीर सुख के लिए रत्नकलार को बुलाया, फिर नकली पुलिस ने लाखों रुपये वसूले

सूरत में आए दिन हनीट्रैप का मामले सामने आते रहते है। ऐसा ही एक मामला फिर से प्रकाश में आया है। जिसमें रत्नकलाकार को हनीट्रेप में फंसाया और पुलिस बनकर आए नकली पुलिस ने 3 लाख रूपए ऐठने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवायी गई है। सूरत शहर के पुणा क्षेत्र में तिरुपति सोसाइटी में रहने वाले रत्नकलाकार वैभव चंदू नावडियाको दो साल पहले सीतानगर के पास खड़े थे, तब मंजू नाम की महिला ने फोन करके शरीर सुख का आनंद लेने के लिए बुलाया था।

मंजू ने 5 अगस्त को वैभव को फोन करके शरीरसुख का आनंद लेने के लिए पुणा के विक्रमनगर सोसाइटी में बुलाया और मंजू के दिए पते पर वैभव भी पहुंच गया। एक हजार रुपये की कीमत तय कर महिला उसे एक कमरे में ले गई। कुछ देर बाद चार लोग वहां आए और पुलिस का रौब जमाया। उन्होंने अपनी पहचान पुलिसकर्मी के रूप में बतायी। गिरोह ने कहा कि कंट्रोल से फोन आने पर पूणा पुलिस में से आए है। सेक्स रैकेट चलने की बात कहकर मामले को रफादफा करने के लिए पांच लाख रुपये की मांग की। वैभव इतना भुगतान नहीं कर सकता था इसलिए उसने 50,000 रुपये लेकर मामला रफादफा करने की बात कहीं।

हालांकि, गिरोह ने बंदूक दिखाकर वैभव को थप्पड़ मारा और उसे किसी भी कीमत पर 5 लाख रुपये लाने के लिए कहा। इसके लिए वैभव ने अपने दोस्तों से 3 लाख रुपये का इंतजाम किया था। वह मयूर कुंभानी नाम के शख्स से 50 हजार रुपये, हर्षद अणधण से 50 हजार रुपये और अजय गोरसिया से 2 लाख रुपये लेकर सीमाड़ा चोक पोस्ट गया। धमकी देने के बाद गिरोह फरार हो गया।

अगले दिन वैभव ने यह बात अपने मित्रों को बताई। दोस्त ने हिम्मत देने पर वैभव पुणा थाने में गिरोह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि वैभव को बाद में एहसास हुआ कि वह असली पुलिस वाले नहीं थे। वैभव ने आरोपी मंजू, हीरल झाला, भारती और चार अजनबियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जब वैभव ने मंजू से पूछा कि यह घर किसका है? तब मंजू ने कहा कि घर दिलीप झाला का है। जहां दोनों सुख-सुविधाओं का आनंद लेने पहुंचे। यह भी पता चला कि दिलीप झाला की पत्नी हीरल झाला है।

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