सूरत

मिलों में काम घटने से औद्योगिक इलाकों से वतन लौट रहे श्रमिक

कोरोना ने कपड़ा कारोबारियों का लग्नसरा का कारोबार पर फेरा पानी

देश सहित शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने से इसका सीधा असर कपड़ा उत्पादन पर पड़ा है। साथ ही साथ लग्नसरा के लिए भी गाइडलाइन तय किए जाने से शादी के सीजन पर गहरा असर पड़ा है। डाईंग प्रीटिंग मिलों सहित वीविंग इकाईयों में भी उत्पादन में कटौति शुरू हो गई है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडि़सा के कारीगर वतन लौट रहे है।

कोरोना की नई लहर में संक्रमण बढ़ने से और गाइडलाइन के कारण बाहर के व्यापारी सूरत आना टाल रहे है। वहीं फोन से ऑर्डर देना भी बहुत कम कर दिया है। स्थानीय उद्योग और कामगार अग्रणियों के मुताबिक कोविड की स्थिति के कारण फिलहाल 25 से 30 फिसदी कपड़ा उत्पादन पर असर पड़ा है। जिसके कारण 10 तारीख को वेतन लेने के बाद कारीगरों का पलायन शुरू हो चुका है।

आम तौरपर हर साल मार्च होली के बाद श्रमिक जाते है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण स्थानीय मार्केट में काम घटने के साथ चुनाव के कारण वतन में काम मिलेगा इस आस से यूपी, बिहार के श्रमिकों का पलायन शुरू हो गया है।

वीवर अग्रणी मयूर गोलवाला ने बताया कि कारीगरों को पगार मिलते ही वे वतन लौट रहे है। जिसके कारण फरवरी माह में कारीगरों की कमी सता सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार के साथ ओडिसा के कारीगर भी वतन लौट रहे है।

कामगार नेता शान खान ने बताया कि पिछले सप्ताह तक तो श्रमिक सूरत आ रहे थे लेकिन लग्नसरा का काम घटने से प्रीटिंग इकाईयों में दो दिनों की छुट़टी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में चुनाव होने से श्रमिक वहां काम मिलने की आस से पलायन कर रहे है।

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