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“विश्व मृदा दिवस” : AM/NS इंडिया और GPCB ने मृदा स्वास्थ्य पर प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई

जागरूकता कार्यक्रम में कंपनी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की

हजीरा-सूरत : आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया) ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GOCB) के सहयोग से गुरुवार को “विश्व मृदा दिवस” के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्रथाओं और प्लास्टिक प्रदूषण के ज्वलंत मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया गया।

हजीरा में AMNS टाउनशिप के उत्सव हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में एक आकर्षक कार्यशाला और नाट्य नाटक का आयोजन किया गया, जिसका विषय “अति सर्वत्र वर्जयेत” था, जिसका अर्थ “किसी भी चीज की अधिकता बुरी होती है” होता है।

GPCB की क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जिग्नासा ओझा के दिमाग की उपज इस कृति, कार्यक्रम में एकल-उपयोग प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों और मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण पर उनके हानिकारक प्रभाव पर जोर दिया गया।

अपने संबोधन में डॉ. ओझा ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता तथा टिकाऊ समाधान और सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि, “प्लास्टिक प्रदूषण आज हमारे सामने सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। प्लास्टिक प्रदूषण मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी भारी असर डालता है। विश्व मृदा दिवस एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए मिट्टी, पानी और पृथ्वी की सुरक्षा के लिए संधारणीय प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता के बारे में एक शक्तिशाली रिमाइन्डर है। खरीदारी करते समय प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े के थैले या अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बने थैलों का उपयोग करने जैसे छोटे-छोटे उपाय भी प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में काफी मददगार हो सकते हैं।”

AM/NS इंडिया सस्टेनेबल डेवलपमेंट(पर्यावरण संरक्षण के साथ निरंतर विकास) को बढ़ावा देने और अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट और पर्यावरण संरक्षण इसके व्यावसायिक संचालन के लिए मौलिक हैं और इसने इसके लिए कई पहल की हैं जिनके शानदार परिणाम मिले हैं। “विश्व मृदा दिवस” इवेंट भावी पीढ़ियों के लिए मृदा और पर्यावरण की रक्षा करने की अपनी साझा जिम्मेदारी तथा जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करने के अपने प्रयासों को दर्शाता है। इस पहल में जलवायु परिवर्तन से निपटने और जैव विविधता की रक्षा में मृदा स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया गया तथा नागरिकों से पर्यावरण अनुकूल समाधान अपनाने का आग्रह किया गया। इस प्रयास ने सूक्ष्म प्लास्टिक द्वारा वायु, मिट्टी और जल के प्रदूषण सहित पर्यावरण पर प्लास्टिक के दीर्घकालिक प्रभावों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

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