सूरत: ग्रीनमैन के नाम से मशहूर उद्योगपति विरल देसाई को देश में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार नेशनल एनर्जी कन्जर्वेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिया गया यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदान किया।
यह राष्ट्रीय सम्मान देश के विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों और संगठनों को दिया जाता है, जिसमें टेक्सटाइल क्षेत्र से विरल देसाई की कंपनी जेनिटेक्स को देश भर से पहला स्थान मिला, जिसको लेकर सूरत और गुजरात के टेक्सटाइल क्षेत्र में खुशी की माहौल है।
इस बारे में विरल देसाई ने कहा, ‘हमारे प्रयासों और पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर देखा गया है और एक बार फिर हमें टेक्सटाइल क्षेत्र में पहला स्थान मिला है, यह न केवल हमारे बल्कि पूरे गुजरात का गौरव कहा जा सकता है।’ अंत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सफल नेतृत्व में गुजरात ने पहले रिन्युएबल एनर्जी और ऊर्जा संरक्षण की दिशा में एक ठोस शुरुआत की थी।
उन्होंने आगे कहा, ‘आने वाले वर्षों में भारत ऊर्जा संरक्षण और क्लाइमेट चेन्ज के मामले में पूरी दुनिया के लिए एक रोल मॉडल बनने जा रहा है। इसलिए यह बहुत खुशी की बात है कि अमृत काल के इस युग में हमें इस महायज्ञ में अपना योगदान देने का अवसर मिल रहा है।’
गौरतलब है कि विरल देसाई पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में अपने सराहनीय कार्य के लिए चार बार एनर्जी कन्जर्वेशन का सम्मान प्राप्त कर चुके हैं, जिसमें वे तीन बार देश में प्रथम स्थान पर रहे। अत: अनेक अन्तर्राष्ट्रीय मंचों ने भी उन्हें प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित किया है। उनके द्वारा शुरू किए गए ‘ सत्याग्रह अगेंस्ट पॉल्युशन एन्ड क्लाइमेट चेन्ज’ अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।