
गणतंत्र दिवस की परेड में रंग बिखेरेगी ‘क्लीन-ग्रीन ऊर्जा युक्त गुजरात’ थीम पर आधारित गुजरात की झांकी
झांकी के माध्यम से कच्छ-मोढेरा की सांस्कृतिक झलक और सौर-पवन ऊर्जा के वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टिकोण का एकीकरण कर हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा के निर्माण से ऊर्जा क्षेत्र में देश और दुनिया को नई राह दिखाने का सुंदर प्रयास
नई दिल्ली, 23 जनवरी, 2023: गुजरात ने निरंतर नए प्रयोग और प्रयास कर राष्ट्र को नई दिशा देने का कार्य किया है। इस परिपाटी को कायम रखते हुए गुजरात 26 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली के ‘कर्तव्य पथ’ पर आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में ‘क्लीन-ग्रीन ऊर्जा युक्त गुजरात’ थीम के साथ अपनी झांकी प्रस्तुत करेगा। यह झांकी अक्षय ऊर्जा स्रोतों के प्रयोग से हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा का निर्माण कर देश और दुनिया को आत्मनिर्भर बनने का संदेश देगी।
आज पूरी दुनिया परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के संकट का सामना कर रही है। ऊर्जा के ये स्रोत समय के साथ समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं, तो दूसरी ओर इन ऊर्जा स्रोतों के कारण प्रदूषण बढ़ने से पूरी पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है। इसके चलते दुनिया के कई देश जलवायु परिवर्तन की चुनौती से जूझ रहे हैं और बाढ़, भूस्खलन, सुनामी और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। इसे लेकर हाल में हुए संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन या संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) के संबद्ध पक्षों (Conference of the Parties/COP) के सम्मेलन में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
इस विपरीत हालात का मुकाबला करने, पृथ्वी के वातावरण को शुद्ध एवं हरा-भरा बनाए रखने तथा यूएन सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए गुजरात ने अक्षय या नवीकरणीय ऊर्जा के संसाधनों का उपयोग करने का बीड़ा उठाया है। गुजरात ने वर्ष 2009 में ‘क्लाइमेट चेंज’ का एक अलग विभाग बनाकर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जैविक ऊर्जा और हाइड्रो पावर द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। आज गुजरात देश भर में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के मामले में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है।
प्रस्तुत झांकी के अग्र भाग में गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा में आकार ले रहे दुनिया के सबसे विशाल हाइब्रिड (सोलर और विंड) रिन्यूएबल एनर्जी पार्क को प्रदर्शित किया गया है। कच्छ की रंग बिरंगी पोशाक में सजी एक खुशहाल लड़की को अक्षय ऊर्जा के अटूट स्रोत सूर्य और पवन को प्रतीकात्मक रूप से हाथ में धारण किए हुए दर्शाया गया है। उल्लेखनीय है कि गुजरात के पाटण जिले के चारणका गांव में राज्य का सबसे पहला सोलर पार्क वर्ष 2011 से कार्यरत है।
वहीं, झांकी के पृष्ठ भाग में मोढेरा गांव को दिखाया गया है, जहां गुजरात का विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित है। मोढेरा बीईएसएस (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) के माध्यम से देश का सबसे पहला 24X7 यानी चौबीसों घंटे और सातों दिन सौर ऊर्जा से चलने वाला गांव बन गया है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बने मोढेरा का दौरा कर गुजरात के इस कार्य की बहुत प्रशंसा की थी।
इसके साथ ही पीएम कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के मार्फत सोलर रूफटॉप से खेती में सिंचाई, कैनाल रूफटॉप से ऊर्जा उत्पादन तथा अन्य परिसंपत्तियों पर पवन व सूर्य ऊर्जा से स्वच्छ और हरित ऊर्जा का उत्पादन कर इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आर्थिक उपार्जन से राज्य में हुई सुखद ऊर्जा क्रांति को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा, विंड फार्म और सोलर पैनल के साथ कच्छ का सफेद रण यानी रेगिस्तान, पारंपरिक घर ‘भूंगा’ और रण के वाहन ऊंट को अपने साथ लिए जाती कच्छी परिवेश में सुसज्जित ग्रामीण कच्छी महिला सहित कई आकर्षण इस झांकी में प्रस्तुत किए गए हैं।
गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रस्तुत इस झांकी को तैयार करने में सूचना एवं प्रसारण सचिव सुश्री अवंतिका सिंह औलख और सूचना निदेशक आर.के. महेता, अतिरिक्त निदेशक अरविन्द पटेल के मार्गदर्शन में पंकजभाई मोदी और उप सूचना निदेशक संजय कचोट अपना योगदान दे रहे हैं। झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के सिद्धेश्वर कानूगा कर रहे हैं
इस झांकी के माध्यम से यह प्रभावी संदेश दिया गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उज्ज्वल और आर्थिक रूप से अग्रणी गुजरात ‘नेट जीरो इमिशन’ तथा किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से दुनिया का पथप्रदर्शक बन रहा है।