प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के “जल ही जीवन है” और संरक्षण ही भविष्य है नारे को साकार करने हेतु वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल की अध्यक्षता में वर्षा जल संचयन को लेकर सूरत एवं नवसारी जिले के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई। जल आपूर्ति मंत्री मुकेश पटेल ने सहारा दरवाजा स्थित सूरत एपीएमसी-कृषिबाजार में आयोजित बैठक में कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के मार्गदर्शन में सूरत और नवसारी जिलों के 990 गांवों में वर्षा संचयन बोर का काम पूरा किया जाएगा।
वर्षा जल संचयन के काम में तेजी
उन्होंने कहा कि सूरत और नवसारी जिलों में वर्षा जल संचयन का काम तेजी से किया जा रहा है। भूमिगत जल का स्तर दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है और वर्षा का कीमती पानी समुद्र में बह जाता है। नवसारी जिले के 360 गांवों और सूरत जिले के 630 गांवों और सूरत मनपा क्षेत्र के कुल 990 गांवों में वर्षा जल संचयन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
कुछ जिलों में भूजल स्तर नीचे
वर्तमान स्थिति के अनुसार जहां अन्य राज्य पानी की कमी का सामना कर रहे हैं, वहीं मेहसाणा, कच्छ, साबरकांठा, बनासकांठा, अरावली और पाटन सहित गुजरात के अन्य जिलों में भी भूजल स्तर नीचे चला गया है। अटल भूजल योजना- 2019 में शुरू की गई थी, जिसमें 2025 तक उन जिलों में नदियों को ऊपर उठाने का काम चल रहा है, जहां नदियां सूख गई हैं और भूजल स्तर नीचे चला गया है।
10 हजार सूखे बोरों को रिचार्ज करने की अनुमति दी
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 10 हजार सूखे बोरों को रिचार्ज करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा सूरत के मेयर दक्षेश मावानी, विधायक नरेशभाई पटेल ने वर्षा जल संचयन की योजना के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष भाविनीबेन पटेल, विधायक संदीप देसाई, ईश्वरभाई परमार, गणपतसिंह वसावा, प्रवीणभाई घोघरी, मोहनभाई धोडिया, जिला विकास अधिकारी शिवानी गोयल, सुमुल डेयरी अध्यक्ष मानसिंहभाई पटेल, जिला एसोसिएशन अध्यक्ष भरत राठौड़, जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ,सरपंचों सहित सूरत और नवसारी जिले के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।