सूरत : सुनीलभाई पाटिल ने गैर-पारंपरिक सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपने घर का बिजली बिल किया शून्य
सरकार की पी.एम. सूर्य घर बिजली योजना के तहत सोलर पैनल लगाकर पिछले चार सालों से मुफ्त में बिजली प्राप्त कर रहे हैं
सूरतः ग्लोबल वार्मिंग का सामना कर रही दुनिया गंभीर ऊर्जा संकट से जूझ रही है। साथ ही प्रदूषण की वैश्विक समस्या भी विकराल रूप धारण कर चुकी है। दुनिया के देश पुनः प्राप्त ऊर्जा के उपयोग पर गंभीर हो रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए बिजली उत्पादन, प्रवाह और वितरण व्यवस्था को मजबूत करने के गुजरात सरकार के ठोस संकल्प के साथ ‘ग्रीन गुजरात’ के पर्यावरण लक्ष्य को साकार करने की दिशा में ठोस रोडमैप के जरिए सरकार आगे बढ़ रही है। इसी उद्देश्य से राज्य में आवासीय बिजली उपभोक्ताओं में सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लागू की है। इस योजना के तहत सूरत जिले के मांडवी तालुका के सुनीलभाई जे. पाटिल ने पी.एम. सूर्य घर योजना (सोलर रूफटॉप) के तहत सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपने घर का बिजली बिल शून्य कर दिया है।
मांडवी तालुका की पीएन पार्क सोसाइटी के बंगले की छत पर पर्यावरण के प्रति जागरूक पाटिल परिवार ने 4 किलोवाट क्षमता वाला सोलर रूफटॉप पैनल लगाकर प्राकृतिक सौर ऊर्जा का यथार्थ उपयोग किया है। बिजली बिल की चिंता नहीं होती, इस पर खुशी जाहिर करते हुए सुनीलभाई कहते हैं कि सोलर लगाना फायदे का सौदा है। एक बार इंस्टॉलमेंट में आजीवन बिजली मिलती है। हमने 2020 में 4 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया, जिसमें कुल ₹1.61 लाख खर्च आया, जिसमें ₹40,000 की सब्सिडी सरकार ने दी। इससे हमारे घर के कमरों, टीवी, फ्रिज, ए.सी. और अन्य जरूरतों का बिजली बिल शून्य हो गया है। हमारे घर का वार्षिक 2500 यूनिट का उपभोग है, जबकि हम गैर-पारंपरिक सौर ऊर्जा से अनुमानित 3500 यूनिट बिजली प्राप्त कर रहे हैं। अब हमें बिजली बिल की चिंता नहीं करनी पड़ती। सोलर पैनल लगाने से फायदा है और प्रदूषण मुक्त सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना गर्व की बात है।
आगे वे बताते हैं कि सोलर पावर उत्पन्न होने के बाद न केवल बिल नहीं आता, बल्कि अतिरिक्त यूनिट्स को बेचकर कमाई भी की जा सकती है। पहले हमारे घर का दो महीने का लगभग ₹2500 का बिल आता था, जो अब शून्य हो गया है। इसके अलावा, ₹15 से ₹20 हजार की क्रेडिट के रूप में आमदनी हो रही है। सब्सिडी के साथ सोलर सिस्टम लगाकर आप इसका खर्च 4 से 5 साल में आसानी से निकाल सकते हैं।
ऋतु के अनुसार यूनिट उत्पादन में परिवर्तन
वे बताते हैं कि गर्मियों में दिन लंबा होने और ज्यादा धूप के कारण सोलर से ज्यादा बिजली उत्पन्न होती है। 4 किलोवाट में दिन के लगभग 20 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। सर्दियों में दिन छोटा होने के कारण 10 से 15 यूनिट और मानसून में बादलों के कारण 7 से 8 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है।
सिस्टम सही तरीके से काम करे इसके लिए रखनी पड़ती है सिर्फ एक ही सावधानी
सोलर सिस्टम अपलोड करने के बाद सिर्फ एक सावधानी रखनी होती है कि हर हफ्ते इसे ठीक से पानी से साफ करना आवश्यक है। अभी तो सिस्टम के साथ मिनी स्प्रिंकलर भी पैनल पर लगाया जा सकता है।