प्रादेशिक

बालकों का बाल श्रम एवं बाल तस्करी पलायन चिंता का विषय

उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) उदयपुर जिले में बढ़ते बाल श्रम और बाल तस्करी से आहत विभाग ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसको रोकने की आवश्यकता है। गरीब और आदिवासी परिवार कुछ रकम की लालच में अन्य राज्य में बच्चो को मजदूरी करने भेज देते है। उन बच्चों को होटल या कपड़े की दुकानों पर लगा देते है। उन नौ नौनिहालों का जीवन बर्बाद हो जाता है। पढ़ाई से वंचित बच्चे अपने जीवन को दांव पर लगा देते है।

आज उदयपुर जिले के गोगुन्दा में एक कार्यक्रम के दौरान बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक बी के गुप्ता ने दु:खी मन से कहा कि वर्तमान में उदयपुर क्षेत्र के गोगुंदा, कोटड़ा, सायरा, झाड़ोल से अनलॉक के बाद बहुतायत में बालकों का बाल श्रम एवं बाल तस्करी में पलायन हो रहा है। हम सब के लिए यह चिंता का विषय है। इस पर प्रशासन व संस्थाओं में रखे गए बालको से संबंधित मुद्दों पर आयोग ने पूर्ण समाधान हेतु आश्वस्त किया। गोगुंदा स्तर पर बाल श्रम एवं तस्करी को रोकने के लिए वैकल्पिक स्तर पर तुरंत व्यवस्था शुरू होगी। उसके तहत जांच चौकी की व्यवस्था की जाएगी। अध्यक्ष एवं टीम ने नेटवर्क की सहयोगी संस्थान महान सेवा संस्थान द्वारा बालमित्र पंचायत पर बनाए गए मॉड्यूल का विमोचन किया।

इस अवसर पर महान के राजेंद्र गामठ आजीविका की प्रतिनिधि सलोनी, आदिवासी विकास संस्थान कोटड़ा के सरफराज शेख, चाइल्ड फंड के अजय कुमार जी एवं टीम, व सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष सम्मानित ध्र्ुव कुमार कविया एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी एवं बालकों से संबंधित जिला अधिकारियों की सराहनीय भागीदारी रही।

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