गुजरात

आपका ड्राइनिंग लाइसेंस निकाला बाकी है तो जरूर पढ़े, आरटीओ के नियमों में बदलाव बारे में

गुजरात के वाहन चालकों के लिए फिर से एक बार बड़ी खबर सामने आ रही है। आरटीओ समय-समय पर गुजरात में लाखों ड्राइवरों को अपने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में आसान बनाने के लिए समय-समय पर नए नियम पेश करता रहा है। ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में एक बार फिर बदलाव किया गया है। इसमें कोई भी वाहन चालक ऑटोमेटिक कार से भी अब ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगा। इसके अलावा दोपहिया वाहन के ड्राइविंग टेस्ट के लिए हेल्मेट और एक मिरर अनिवार्य किया है। ताकि मिरर विहीन वाहनों द्वारा ड्राइविंग टेस्ट नहीं लिया जाएगा।

अहमदाबाद में सुभाष ब्रिज आरटीओ में रोजाना 20 ऑटोमेटिक कार ड्राइविंग टेस्ट के लिए आती है। अब से ऑटोमैटिक मोटरकार आरटीओ में फोर व्हीलर लाइसेंस पाने के लिए ली गई ड्राइविंग टेस्ट में मान्य होगी। कोई भी अधिकारी या निजी एजेंसी का आदमी रिवर्स कैमरा, सेंसर तकनीक से लैस मोटरकार के साथ टेस्ट ड्राइव को मना नहीं कर सकेगा। ऐसा वाहन व्यवहार विभाग के अग्र सचिव ने कहा। अब तक आरटीओ के नियमों की मनमानी व्याख्या की गई थी और ड्राइविंग टेस्ट में ऑटोमेटिक के बजाय मैनुअल अर्थात गियर वाली कार को ही एन्ट्री दी जाती थी। सूरत-अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में ऐसी कार के साथ दिए गए टेस्ट को अस्वीकार कर दिया गया था। नागरिकों होने वाली मुश्किलों के बारे में पूछे जाने पर अग्र सचिव सुनयना तोमर ने स्वीकार किया कि आरटीओ में सेंसर-आधारित ट्रैकिंग प्रणाली में ऑटोमेटिक कार से ड्राइविंग टेस्ट की अनुमति है।

लेकिन इसके बाद अग्र सचिव ने आरटीओ में ऑटोमेटिक कार को भी मान्य रखने के आदेश जारी किए। यातायात नियमों को लेकर बनी अराजकता के बीच वाहन परिवहन विभाग ने पहले एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। जिसमें लाइसेंस, पीयूसी सहित काम के लिए अहमदाबाद, सूरत, राजकोट सहित सभी क्षेत्रिय कार्यालयों को हर सुबह दो घंटे पहले चालू करने और रविवार को भी चालू रखने का निर्णय लिया गया है।

अब रिवर्स कैमरा चालू रखकर दे सकेंगे ड्राइविंग टेस्ट

ऑटोमैटिक कार और कार में रिवर्स, पार्किंग कैमरा चालू रखकर भी ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। सरकार आला अधिकारी ने कहा कि यह तकनीक सुरक्षा के लिए है। हालाँकि सेंसर-आधारित ट्रैकिंग प्रणाली का संचालन करने वाली निजी एजेंसियां ​​ऑटोमेटिक कार या रिवर्स कैमरा के साथ टेस्ट को मान्य करती हैं, तो लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाला नागरिक पहले टेस्ट में सफल हो सकता है। बारबार टेस्ट नहीं दी जाएगी तो प्रोसेस शुल्क के नाम पर उनके राजस्व में कमी आएगी। इसके लिए ऑटोमेटिक और कैमरा आधारित मोटरकार का स्वीकार नहीं किया जाता था।अब कोई भी अधिकारी या एजेंसी इससे इनकार नहीं कर सकती। सरकार ऐसी शिकायतों के लिए कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था स्थापित करने पर भी विचार कर रही है।

उल्लेखनीय है कि अब तक ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए दोपहिया वाहन पर मिरर है या नहीं इसकी जांच नहीं होती थी। आवेदनकर्ता मिरर बिना दोपहिया वाहन पर ड्राइविंग टेस्ट देते थे। हालांकि परिवहन नियमों में दोपहिया पर दो मिरर और ड्राइविंग टेस्ट के लिए हेलमेट अनिवार्य है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button