जैन धर्म की प्राचीन परंपरा को पुनः उजागर करने के उद्देश्य से अनोखा कार्य दीक्षार्थियों का “बेठु वर्षीदान” किया गया
सूरत। जैन धर्म में जब कोई आत्मा संसार छोड़कर संयम जीवन को प्राप्त करती है, तो वह साधु या साध्वी बनने से पहले वर्षीदान का एक शुभ कार्य पूरा करती है। मुमुक्षुरत्ना मुमुक्षाबेन द्वारा गोपीपुरा अन्नक्षेत्र में एक अनोखा वर्षीदान का आयोजन किया गया।
युगप्रधान आचार्यसम परम पूज्य पन्यास प्रवर श्री चन्द्रशेखरविजयजी म.सा. प्रेरित श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ जैन ट्रस्ट द्वारा सूरत शहर के 18 केंद्रों पर पिछले तीन दशकों से प्रतिदिन 2000 से अधिक लोगों को भोजन कराया जा रहा है। संस्था द्वारा हर केंद्र पर मिठाई, फरसाण, फल, रोटली, मसाला भात, दाल और सब्जियों के साथ संपूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
इस अवसर पर सूरत के सभी केंद्रों पर भी भोजन उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही अत्यधिक ठंड के मौसम में फुटपाथ और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवारों को ठंड से बचाने के लिए मुमुक्षाबेन द्वारा बेठु वर्षीदान में कंबल वितरित किए गए।
इन सभी परिवारों ने मुमुक्षरत्न को आशीर्वाद दिया। इस आयोजन का लाभार्थी परिवार श्री भारोलतीर्थ निवासी मातृश्री मोघीबेन रसिकलाल कुँवरजीभाई संघवी परिवार (भरतभाई संघवी) था।