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शहर के बाहरी इलाके सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में केमिकल इंडस्ट्रीज में आग लगने के बाद एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। हादसे के बाद केमिकल फैक्ट्री में ही सात मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि 27 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। देर रात इलाज के दौरान एक और मजदूर की मौत हो जाने से परिजनों में गहरा शोक व्याप्त है। 40 साल के एक मजदूर की मौत के साथ ही इस हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की कुल संख्या अब 9 हो गई है। वहीं आज सुबह भी एफएसएल टीम ने फैक्ट्री में सैंपल इकट्ठा करने की कार्रवाई की है।
गत 29 नवंबर को रात सचिन जीआईडीसी स्थित एथर केमिकल इंडस्ट्रीज में 25,000 लीटर की क्षमता वाले केमिकल टैंक में रिसाव की घटना हुई। हालांकि, लीकेज की वजह से जोरदार धमाके के साथ आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद सूरत महानगर पालिका का अग्निशमन विभाग भी मौके पर पहुंचा और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अत्यधिक ज्वलनशील रासायनिक टैंक में हुए विस्फोट में 27 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए तुरंत शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
हादसे के 24 घंटे बाद जब फैक्ट्री के अधिकारियों और कलेक्टर प्रशासन ने फैक्ट्री में दुर्घटनास्थल पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया तो एक के बाद एक सात मजदूरों के कंकाल मिले। इस घटना के बाद फैक्ट्री प्रबंधकों की घोर लापरवाही के भी आरोप लगे। हालांकि, फैक्ट्री मालिकों ने मृतकों को 50 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को 25 लाख रुपये का तत्काल मुआवजा देने की घोषणा की। पूरे घटनाक्रम की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा एक जांच समिति भी नियुक्त की गई थी। जिसमें विभिन्न विभागों के प्रमुखों को शामिल किया गया है। जबकि इस टीम द्वारा अभी तक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है, आज एक और श्रमिक की मृत्यु हो गई।
ईथर कंपनी में दुर्घटना में गंभीर रूप से झुलसे 40 वर्षीय प्रमोद मदारी गौतम (मूल निवासी:फतेहपुर, उत्तर प्रदेश) कोउधना दरवाजा स्थित एप्पल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां कल इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। प्रमोद गौतम की मौत के बाद उनके परिजनों में सदमा फैल गया। आज सुबह मृतक के परिजन और रिश्तेदार उसका शव लेने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे।
बता दें कि तीन दिन पहले बगल के शान डाइंग मिल में सफाईकर्मी का काम करने वाले बृहस्पति भुइयां को भी इस दुर्घटना के बाद गंभीर चोटें आयी थीं। विस्फोट के साथ आग लगने से एथर कंपनी की सीमेंट शीट बृहस्पति भुईया के ऊपर गिर गई, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट लग गई और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। एथर हादसे में अब तक 9 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। जबकि 19 मजदूरों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।