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ओडिशा रेल दुर्घटना पर कांग्रेस नेता डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने व्यक्त की संवेदना

मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने के लिए प्रार्थना भी की

मुंबई। नरेंद्र फाउंडेशन के चेयरमैन और उत्तर मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने ओडिशा के बालेश्वर जिले में हाल के इतिहास के सबसे भीषण ट्रेन हादसे में तीन सौ के करीब रेल यात्रियों की मौत पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने के लिए प्रार्थना भी की।

बोरीवली पूर्व में कस्तूरबा मार्ग क्रमांक 5  के नरेंद्र हॉस्पिटल के पास स्थित अपने जनसंपर्क कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजली सभा में डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने इस भीषण रेल दुर्घटना को लेकर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय शोक की घड़ी है। यह दिल दहलाने वाला भयानक हादसा हुआ है। ऐसे भयावह हादसे की कल्पना भी नहीं की जा सकती, क्योंकि दो यात्री ट्रेनों समेत तीन ट्रेनें एक साथ दुर्घटना की चपेट में आ गई। इसी कारण इतनी बड़ी संख्या में रेल यात्री असमय काल के गाल में समा गए और एक हजार से अधिक घायल हो गए।

एक झटके में सैकड़ों परिवार दुख के सागर में डूब गए। कोई भी संवेदना और मुआवजा उनके दु:ख को कम नहीं कर सकता। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, वे जीवन भर इस हादसे को भूल नहीं पाएंगे। ईश्वर किसी को भी ऐसे दिन न दिखाए, जैसे दुर्घटनाग्रस्त कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में जान गंवाने वाले यात्रियों के स्वजनों को देखना पड़ रहा है। इस दुर्घटना की भयावहता का पता इससे चलता है कि उसने देश ही नहीं, दुनिया का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोक संवेदनाओं का तांता लगा है।

डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने आगे कहा कि बालेश्वर में एक ऐसे समय हृदयविदारक रेल हादसा हुआ, जब ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के उपाय अपना असर दिखा रहे थे और उनके चलते रेल दुर्घटनाओं में कमी भी आ रही थी। इस भयानक दुर्घटना ने सुरक्षित रेल संचालन के सवाल को फिर से सतह पर ला दिया है। फिलहाल दुर्घटना के कारणों की तह तक नहीं पहुंचा जा सका है, लेकिन यह सहज ही समझा जा सकता है कि या तो यह किसी तकनीकी खामी का भयावह नतीजा है या फिर मानवीय भूल का । यह ध्यान रहे कि मानवीय भूल प्रायः लापरवाही का परिणाम होती है।

डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने अंत में कहा कि वास्तव में क्या हुआ था इसका  ठीक से जांच से ही पता चलेगा। यह ठीक है कि उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन गहन जांच होने के साथ ‘यह होती हुई’ दिखनी भी चाहिए। हादसे के दोषियों को सख्त सजा देना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी के साथ सुरक्षित रेल संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और उस कवच सिस्टम से सभी ट्रेनों को लैस करने के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जाए, जो दुर्घटनाओं को रोकने का काम करता है। बालेश्वर हादसा राष्ट्र को शोकाकुल करने वाला है। जो लोग इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

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