कोरोना: स्मीमेर अस्पताल में ऑक्सीजन की रोजाना जरूरत दोगुनी हो गई, जानें क्या है इंतजाम
पूरे देश सहित राज्य में कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है। कोरोना संक्रमितों की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, उसके सामने ऑक्सीजन की भी मांग बढ़ी है। सूरत महानगरपालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को नियमित ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करने के लिए 20,000 लीटर का एक नया अत्याधुनिक ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया गया है। स्मीमेर में कोरोना के पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में दैनिक ऑक्सीजन की आवश्यकता दोगुनी हो गई है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक द्वारा फ्लोलेस ऑक्सीजन की उपलब्धता से कोरोना कोरोना मरीजों का बेहतर और सुविधाजनक उपचार संभव हो गया है।
स्मीमेर अस्पताल के एनेस्थीसिया के हेड और प्रोफेसर डॉ. दिव्यांग शाह ने कहा कि स्मीमेर में वर्तमान में 921 ऑक्सीजन के साथ बेड हैं। जिनमें से 540 मल्टीलेवल पार्किंग में और 381 पुराने बिल्डिंग में उपलब्ध हैं। पिछले साल कोरोना की लहर में स्मीमेर में 10,000 और 20,000 लीटर की क्षमता वाले दो ऑक्सीजन टैंक कार्यरत थे। जिसमें इजाफा कर 20 हजार लीटर का नया टैंक लगाया गया है।
कोरोना की पहली लहर में प्रति दिन 13 से 14 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत हुई। दूसरी लहर में प्रति दिन 25 मेट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की खपत हो रही है। ऑक्सीजन टैंक के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दो टैंकरों द्वारा टैंक रिफिलिंग करने का काम 24 घंटे किया जाता है। एक टैंकर खाली हो इससे पहले ही दूसरा टैंकर पहुंच जाता है।