
सूरत में तेजी से बढ़ रहे चनियाचोली बाजार के मुकाबले दिल्ली का बाजार प्रतिस्पर्धी के रूप में उभर रहा है। पिछले दो वर्षों से चनियाचोली का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है, जिसका सूरत के बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। दिल्ली के व्यापारी हाथ के काम को आस-पास के शहरों में आउटसोर्स करते हैं, जहां मजदूरी भी सूरत की तुलना में कम है, जिससे दिल्ली का चनियाचोली बाजार चनियाचोली उपभोक्ताओं के लिए सूरत का एक मजबूत विकल्प बन गया है।
साड़ी, ड्रेस और परिधानों के अलावा देश के कोने-कोने से व्यापारी खरीदारी के लिए सूरत आते हैं। शादी के सीजन में चनियाचोली के व्यापारियों को अच्छा कारोबार मिलता है। कपड़े से लेकर कढ़ाई के काम और हैंड वर्क होने सूरत में चनियाचोली का कारोबार बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन दिल्ली के व्यापारियों ने यहां के व्यापारियों के खिलाफ चुनौती खड़ी कर दी है।
स्थानीय कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली के व्यापारी अब सूरत के बुनकरों से कपड़ा खरीदते हैं और उस पर कढ़ाई का काम करवाते हैं और दिल्ली में ही कपड़ा सिलवाते हैं।इसके अलावा वहां हैंडवर्क भी किया जाता है। दिल्ली में हैंडवर्क और जरक का काम सस्ता होने के कारण वहां चनियाचोली का खर्च कम हो जाता है।