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कई चुनौतियों के बावजूद भारत की इन बेटियों ने वर्ल्ड चैंपियन बनकर रचा इतिहास 

कुछ दिल्ली के थे, कुछ यूपी के, कुछ हरियाणा के और कुछ बंगाल के। लेकिन, जब वे तिरंगे की शान और सम्मान के लिए एकजुट हुईं, तो उन्हें भारत की बेटियां कहा गया, जिनके लिए जीतना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने ऐसा दक्षिण अफ्रीका की धरती पर किया है, जहां कई विरोधियों ने जीत हासिल करने की कोशिश की। उनसे उनकी जीत छीन लो, लेकिन भारत की लड़कियों ने करारा जवाब दिया और अंडर-19 वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया। वह विश्व चैंपियन बन गई हैं, जिनके बिना भारतीय महिला क्रिकेट अधूरा था और जिस पर अब भारत की हर महिला को गर्व होगा।

भारत की लड़कियां अब वर्ल्ड चैंपियन हैं। भारत की बेटियों ने एक नया इतिहास लिखा है। और हिम्मत की मिसाल कायम की है। वह 140 करोड़ भारतीयों के भरोसे पर खरे उतरे है। भारत की ये बेटियां देश के लिए विश्व कप के महत्व को अच्छी तरह जानती हैं। इसलिए महात्मा गांधी की कर्मभूमि से उन्होंने पूरी दुनिया को संदेश दिया है- हमसे मत लड़ो, हम भारत की बेटियां हैं।

हमसे मत टकराओ, हम भारत की बेटी हैं

भारत की बेटियां महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप की पहली चैंपियन हैं। इस चैंपियन का मतलब देश का चैंपियन होता है। उनका राज तिलक यानी भारत के विश्व विजेता के माथे पर लगा दूसरा तिलक। मुश्किलों और बाधाओं को पार कर बेटियों के लिए यह उपलब्धि हासिल करना आसान नहीं था। लेकिन, कामयाबी इसलिए मिली क्योंकि इरादे बुलंद थे और सबका एक ही मकसद था- अगर साउथ अफ्रीका आए तो जीतकर जाएंगे।

विश्व चैंपियन बनना, क्रिकेट खेलना और भारतीय टीम की जर्सी तक पहुंचना भारत की अंडर-19 महिला टीम की अधिकांश खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं रहा है। किसी ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया तो किसी ने अपनी आजीविका खो दी। वह इस तरह के सवालों से जूझती नजर आईं कि अगर कोई आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है तो कुछ लोग क्या कहेंगे। ज्यादातर खिलाड़ी वो थे जो गांव या कस्बे को छोड़कर भारतीय क्रिकेट और फिर दक्षिण अफ्रीका में अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप खेलने गए थे।

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