गुजरात में ड्राइविंग स्कूल लाइसन्स दे सकेंगी, जानें सरकार की शर्ते
गुजरात में अब ड्राइविंग लाइसन्स आसानी से मिल जाएगा। वाहन चालकों को आरटीओ के अलावा राज्य के निजी ड्राइविंग स्कूलों में भी लाइसन्स मिलेगा। राज्य के परिवहन विभाग ने इस निर्णय की घोषणा कर दी है, लेकिन जो शर्त रखी गई है उसका पालन करना ड्राइविंग स्कूलों के लिए मुश्किल है। वाहन चालकों ने जिस स्कूल से प्रशिक्षण लिया हो उस स्कूल से लाइसन्स प्राप्त कर सकेंगे, क्योंकि लाइसन्स इश्यु करने की छूट राज्य वाहन यातायात विभाग ने दी है। केंद्र सरकार ने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल स्थापित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए है। इस स्कूल से प्रशिक्षण लेनेवाले वाहन चालकों को आरटीओ द्वारा आयोजित टेस्ट में शामिल नहीं होना पड़ेगा।
केंद्र के आदेश के चलते राज्य रकार ने बताया है कि गाइडलाइन के मुताबिक मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूलों के पास खुद की जमीन और ट्रेनिंग के लिए इन्स्टिट्यूट होना चाहिए। ड्राइविंग स्कूल तब ही प्रमाणपत्र दे सकेंगी जब प्रशिक्षण लेनेवाला व्यक्ति 70 प्रतिशत या इससे अधिक गुण प्राप्त किए हो। प्रमाणपत्र के आधार पर आरटीओ द्वारा उम्मीदवार की एक भी टेस्ट लिए बिना अधिकारी द्वारा लाइसन्स इश्यु किया जाएगा। आरटीओ संस्था द्वारा दिए गए प्रमाणपत्र के आधार पर ही ड्राइविंग लाइसन्स दिया जाएगा। फिर भी संस्था को उम्मीदवार के उम्मीदवार के रिकार्ड रखने होंगे और जब जरूरत पड़े तब आरटीओ इंस्पेक्टर जांच कर सकेंगे। लेकिन हाल में जिन ड्राइविंग स्कूल से प्रशिक्षणार्थियों प्रशिक्षण लिया है उन्हें आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट देनी होगी।
ड्राइविंग स्कूलों के लिए शर्त
– भारी वाहनों के प्रशिक्षण के लिए संस्था के पास दो एकर जमीन होनी चाहिए।
– पहाड़ी जिलों में एक एकर जमीन मिनिमम होनी चाहिए।
-कम से कम दो टेकनिकल रूम होने चाहिए।
– ट्रेनर के पास कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
-सरकारी संस्था के पास से मिकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र का प्रमाणपत्र होना चाहिए।
-प्रशिक्षण स्कूल के पास उम्मीदवार की बायोमेट्रीक जानकारी अनिवार्य है।
– फस्र्ट एड और मिकेनिकल प्रशिक्षण को भी शामिल करना होगा।
– हेवी वाहनों के लिए नाइट ड्राइविंग ट्रेनिंग जरूरी है।
– लाइट मोटर व्हिकल के लिए स्कूल में सप्ताह का प्रशिक्षण लेना जरूरी है।