सूरत। स्तन कैंसर की शीघ्र जांच और जागृति को प्रोत्साहन देने के प्रयास रूप सूरत ऑन्कोलॉजी सेंटर द्वारा शनिवार को यूनिवर्सल अस्पताल में फ्री स्तन कैंसर जागृति शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप में स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में नियमित चेकअप के महत्व पर जोर दिया गया। सभी महिलाओं को 2500 रुपए की फीस में मैमोग्राफी जांच की गई।
स्तन कैंसर जो की स्त्रियों में कैंसर सबसे सामान्य स्वरूपों में एक है। मुख्य रूप से भारत जैसे विकासशील देश में एक सामान्य तौर पर यह आरोग्य चुनौती है। भारत में हर साल 1.5 लाख से अधिक महिलाओं के स्तन कैंसर का निदान होता है। जिसमें से करीब 70,000 स्तन कैंसर के रोगी की मृत्यु हो जाती है। इसका मुख्य कारण है कि काफी मरीज ऐसे समय में स्तन कैंसर का निदान करने आते हैं जिसमें जीवित रहने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
सूरत के ऑन्कोलॉजी सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर अंकित पटेल ने बताया कि स्तन कैंसर का सामना करने के लिए जागृत होना महत्वपूर्ण है। मैमोग्राफी ही स्तन कैंसर की जांच और जानकारी के लिए एक माध्यम है। यह शिविर स्तन कैंसर के बारे में जागृति फैलाने और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जबकि नियमित चेकअप के महत्व पर जोर देते हुए सूरत ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रियंका पटेल ने बताया कि 45 वर्ष से अधिक की सभी महिलाओं को हर वर्ष मेंमोग्राफी स्क्रीनिंग करना चाहिए। यदि स्तन अथवा अंडाशय के कैंसर का पारिवारिक इतिहास हो तो उस अनुरूप स्क्रीनिंग मार्गदर्शिका के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट की सलाह लेना जरूरी है।
ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. तनवीर मकसूद ने इलाज से पहले बायोप्सी की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सटीक निदान और इलाज के आयोजन के लिए बायोप्सी महत्वपूर्ण है। पौराणिक कथाएं इसके विपरीत संदेश देती हैं, फिर भी बायोप्सी से कैंसर नहीं फैलता। इसके बदले में उन्होंने गांठों की विशिष्ट लक्षणों को समझने के लिए जानकारी प्रदान किया।
शिविर में भाग लेने वालों को बताया गया कि स्टेज 4 स्तन कैंसर के रोगियों के लिए प्रारंभिक उपचार और हार्मोन उपचार जैसे विकल्प सामान्य तौर पर कीमोथेरेपी के साथ जुड़ी विपरीत असर के बगैर उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। इस लिए सूरत ऑन्कोलॉजी सेंटर स्तन कैंसर की जागृत बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है।