स्पेशल 26 फिल्म में आपने नकली आयकर अधिकारियों की निजी टीम के साथ व्यापारियों पर छापा मारने की कहानी देखी होगी। सूरत में एक ऐसी घटना घटी जो इस फिल्म को भी टक्कर देगी। एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक जीएसटी अधिकारी ने निजी टीम बनाकर एक व्यापारी से लाखों रुपये की ठगी की है। व्यापारी को जैसे ही ठगे जाने का पता चला तो उसने वराछा थाने में तहरीर दर्ज कराई ।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत के पुना मगोब रोड इलाके का रहने वाला 41 वर्षीय धीरेंद्रसिंह राजपुरोहित सूरत के वराछा इलाके में पुराने बॉम्बे मार्केट में साड़ियों का कारोबार करता है। 30 मार्च को उसकी दुकान पर 3 लोग जीएसटी अधिकारी बताकर राकेश शर्मा ने प्रवेश किया। उनमें से दो व्यापारी से मिलने गए। रेड करने आए अधिकारियों के हाथ में भारत सरकार के चिन्ह वाली फाइल भी थी। इन अधिकारियों ने व्यवसायी का फोन और दुकान का सीसीटीवी भी बंद कर दिया। अधिकारी ने जब व्यापारी से जीएसटी पंचनामा दाखिल करने को कहा तो वह डर गया।
इन अधिकारियों ने व्यापारी से कहा, “मेरे पास आपके नाम पर GST विभाग से वारंट है। आपका टर्नओवर 5 करोड़ है। तुम चनिया-चोली का सौदा करते हो। इसमें 12 फीसदी जीएसटी शामिल है। और आप केवल 7 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं। 5 प्रतिशत अंतर का जीएसटी 80 लाख देने होंगे।’
हालांकि, व्यापारी ने अधिकारी से कहा कि यह नियमित जीएसटी भरते है। अधिकारी ने दुकान सील करने और 10 साल की जेल की धमकी देकर 45 लाख रुपये में समझौता करने की बात कहकर 15 लाख रुपये की मांग की। तो घबराए व्यापारी ने दुकान से 7 लाख और घर से 5 लाख रुपए मंगवाए और रेड करने आए अधिकारियों को दे दिए।
व्यापारी ने पूरी घटना की जानकारी अपने सीए को दी। उन्होंने कहा कि, ‘जीएसटी अधिकारी इस तरह पैसे नहीं लेte।’ हालांकि व्यापारी और सीए ने छापेमारी करने पहुंचे अधिकारियों के बारे में जांच करने पर खुलासा हुआ कि छापेमारी करने आए ठगों का गिरोह है। व्यवसायी ने पूरे घटनाक्रम को लेकर वराछा थाने में तहरीर दर्ज कराई।
व्यापारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और रेड करने वाले 3 अधिकारियों में से एक के असली जीएसटी अधिकारी होने की बात सामने आई है। वराछा पुलिस ने जीएसटी अधिकारी को गिरफ्तार किया और आगे की जांच कर रही है।