
सूरत शहर में पहली बार 971 से अधिक उपासक एक साथ 47 दिनों के उपधान का पालन करेंगे
सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव के साथ 23 सामूहिक दीक्षा के अलावा विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
सूरत। धार्मिक नगरी सूरत शहर के वेसू में स्थित बलर फार्म में तपोभूमि यशोकृपा नगरी में असरा निवासी कोरडीया भारमलभाई मालजीभाई परिवार द्वारा 24 अक्टूबर 2023 से सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव का आयोजन किया गया है। भक्तियोगाचार्य प.पू.आ.भ.श्री यशोविजय सूरीश्वरजी म.सा., शास्त्र संशोधक, सरस्वती लब्धप्रसाद प.पू.आ.भ.श्री रत्नसुंदर सूरीश्वरजी म.सा. आदि विशाल श्रमण श्रम की निश्रा में यहां 971 से अधिक साधकों 47 दिनों की उपधान तपस्या और 23 सामूहिक दीक्षा होगी।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भारमलभाई मालजीभाई परिवार के सदस्य जयंतीलाल कोरडीया, दिनेशभाई कोरडीया, रसिकभाई कोरडीया, मुक्तिलालभाई कोरडीया और प्रवीणभाई कोरडीया ने सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव कार्यक्रम की जानकारी दी और कहा कि सूरत शहर में पहली बार 971 से अधिक साधक 47 दिवसीय उपधान तपोत्सव करेंगे। इन 47 दिनों के दौरान साधु जैसा जीवन जीना होगा जिसमें किसी भी भौतिक सुविधाओं का लाभ नहीं उठाया जा सके। 47 दिनों तक धार्मिक गतिविधियों और प्रवचन सुनने के लिए यहीं रात्रि विश्राम भी करना होगा। 47 दिनों के दौरान उपासकों को हर 48 घंटे में एक बार भोजन करके साधु की तरह साधु जीवन जीना होगा। सामान्य जीवन जीने वाले जैन समाज के उपासकों को 47 दिनों तक साधु जीवन जीना होगा।
उपधान तप में भाग लेने के लिए अमेरिका, दुबई, मुंबई और इंदौर सहित देश के विभिन्न शहरों से भक्त यहां आने वाले हैं। आयोजकों ने साधकों के रहने, खाने और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए डेढ़ लाख वर्ग फीट के पंडाल बनाए हैं।
47 दिवसीय सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव में सोमवार 23 अक्टूबर 2023 को सुबह 6 बजे यशोकृपा नगरी के उद्घाटन अवसर पर परमात्मा एवं पूज्य गुरु भगवंत का प्रवेश होगा। तत्पश्चात सायं 7 बजे उपधान तप भावयात्रा दौरान अतुलभाई दाढ़ी (मुम्बई) संवेदना व्यक्त करेंगे। 24 अक्टूबर मंगलवार को प्रातः सात बजे उपधान तप उपासक यशोकृपा नगरी में मंगल प्रथम प्रवेश करेंगे तथा द्वितीय प्रवेश 26 अक्टूबर 2023 से होगा। और 29 नवंबर 2023 की सुबह सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव के तहत 23 दीक्षा कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। जिसमें 8:30 बजे गुरु भगवंत और दीक्षार्थी यशोकृपा नगरी में प्रवेश करेंगे और शाम को संयम शृंगार, बहुमान समारोह और दीक्षाथी हदय उदगार होंगे। 30 नवंबर, 2023 को वर्षीदान यात्रा, महा आरती, संयम तड़पन और दीक्षा से भाइयों का हदय उदगार होंगे।
दीक्षा समारोह 1 दिसंबर 2023 को सुबह 05:30 बजे शुरू होगा। फिर पंद्रह दिवसीय माला रोपण महोत्सव एवं 9 दिसंबर को पूजन, 10 दिसंबर को मेहंदी रसम और 11 दिसंबर को उपधान तप उपासकों का सम्मान किया जाएगा। 12 दिसंबर को उपधान तप साधकों का भव्य जुलूस निकलेगा। 13 दिसंबर 2023 की सुबह उपधान तप उपासकों का मोक्षमाला विधि शुरू होगा।