सूरत। 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 की प्रस्तावना के रूप में ‘फ्यूचर रेडी 5एफ: विकसित भारत के लिए गुजरात का टेक्सटाइल विजन ‘ थीम पर टेक्सटाइल और एपेरल सेक्टर के लिए एक सेमिनार आयोजित किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने कहा कि सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले तकनीकी कपड़ा क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। व्यवसायिक सोच सूरत के लोगों के स्वभाव में निहित है। यह कहते हुए कि नवसारी में पीएम मित्र पार्क का निर्माण भारी रोजगार सृजन के साथ कपड़ा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, भारत सरकार ने कहा कि भारत सरकार 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। जब राज्य सरकार ने श्रम, श्रमिक और टेक्सटाइल पर नीतियां बनाई हैं तो टेक्सटाइल क्षेत्र में बड़े अवसर हैं। मंत्री ने मानव निर्मित फाइबर के साथ-साथ रेडीमेड कपड़ों पर भी ध्यान केंद्रित करने का संकल्प व्यक्त किया। रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में वैल्यू एडिशन में महिलाओं की विशेष भागीदारी है। सरकार फ्यूचर रेडी 5एफ को ध्यान में रखकर टेक्सटाइल सेक्टर के विकास में आगे बढ़ रही है।
गुजरात को गारमेंट सेक्टर का हब बनाने का प्रयास : हर्ष संघवी
इस अवसर पर उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि आज गुजरात विश्व मानचित्र पर एक वैश्विक मंच के रूप में उभरा है। कपड़ा उद्योग में निवेश किसी भी अन्य उद्योग की तुलना में अधिक रोजगार पैदा करता है। प्रदेश को गारमेंट सेक्टर का हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह सरकार सबके विचारों को प्राथमिकता देकर नीतियां लागू करने वाली सरकार है। मंत्री ने सभी उद्योगपतियों को गुजरात में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
कृषि के बाद कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराता है
एसोचैम गुजरात काउंसिल के अध्यक्ष चिंतन ठाकर ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार कपड़ा क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए गुजरात में कपड़ा उद्योग के लिए बड़ा अवसर है। कृषि के बाद कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराता है। अन्य क्षेत्रों में एक करोड़ के निवेश से 3 से 5 लोगों को रोजगार मिलता है, जबकि कपड़ा क्षेत्र में एक करोड़ के निवेश से 9 से 15 लोगों को रोजगार मिलता है। कपड़ा क्षेत्र के विकास को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), आरओएससीटीएल योजना (‘गारमेंट्स और मेड-अप्स के निर्यात पर राज्य और केंद्रीय करों और लेवी में छूट की योजना’), नीति और जीएसटी के संबंध में सरकार की नीतियों द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।