
गुजरात में जुनियर क्लार्क की परीक्षा का पेपर लीक करने वाले आरोपी को वडोदरा की अदालत ने 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। गुजरात एटीएस ने 15 आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच वडोदरा कोर्ट में पेश किया। गुजरात एटीएस ने कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड मंजूर की है। पेपर लीक की घटना के बाद 29 जनवरी को होने वाली गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) की परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
सरकारी अधिवक्ता अनिल देसाई ने बताया कि सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद रिमांड की मांग की गई। कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड मंजूर किया। देसाई ने कहा कि पुलिस रिमांड के दौरान पेपर लीक की घटना से जुड़े अन्य सबूतों और मुद्दों की जांच करेगी।
पुलिस यह पता लगाएगी कि यह पेपर किसे बेचा जाना था। गिरफ्तार आरोपी पूर्व में किस परीक्षा के पेपर लीक होने में शामिल थे। उसके साथ अन्य लोग कौन हैं? देसाई ने कहा कि रिमांड पूरा होने के बाद उन्हें फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। तो वहीं जीपीएसएसबी ने अगले 100 दिनों में परीक्षा कराने की घोषणा की है।
गुजरात एटीएस जो पहले ही पेपर लीक की घटनाओं को लेकर अलर्ट हो चुकी थी। उसने वडोदरा से 15 लोगों को और हैदराबाद से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें सात बिहार के रहने वाले हैं। गुप्त सूचना के आधार पर गुजरात एटीएस ने कार्रवाई की।
गुजरात एटीएस के मुताबिक इस पूरे पेपर लीक का मास्टरमाइंड प्रदीप नायक है। प्रदीप ही हैदराबाद से पेपर लेकर पहले सूरत और फिर वडोदरा पहुंचे। हैदराबाद के एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले जीत नायक ने यह पेपर प्रदीप को दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसे गुजरात लाया जा रहा है। एटीएस ने सभी के खिलाफ धारा 406 व 409, 420 व 120(बी) के तहत मामला दर्ज किया है।