सूरत

नए साल की शुभ शुरूआत, टेक्सटाइल पर 5% जीएसटी यथावत रखने के फैसले से व्यापारियों में खुशी का माहौल

आखिरकार केंद्र सरकार में कपड़ा उद्योग संगठनों के आक्रामक पेशकश और देश भर के कपड़ा व्यापारियों द्वारा एक दिवसीय बंद का व्यापक असर पड़ा है। शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में टेक्सटाइल पर 12 फीसदी जीएसटी हटाने और पिछले 5 फीसदी जीएसटी को यथावत रखने का फैसला किया गया है। जैसे ही यह खबर जंगल की आग की तरह फैली तो सूरत का कपड़ा उद्योग में दिवाली जैसे माहौल में नजर आया । कपड़ा व्यापारी उत्साहित होकर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं।

टेक्सटाइल पर जीएसटी दर 5% से बढ़ाकर 12% करने की घोषणा के बाद से द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स (SGCCI), फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (FOSTA), कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) सहित कई संगठनों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी। सूरत की सांसद और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनबेन जरदोश और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी. आर पाटिल के माध्यम से वित्तमंत्री निर्मला सीमारमन तक कपड़ा उद्योग की व्यथा से अवगत कराया गया।

जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ सूरत सहित देश में एक दिन का सांकेतिक बंद रखा गया था। लेकिन कपड़ा व्यापारी उम्मीद कर रहे थे कि कपड़ा पर से 12 फीसदी को हटा दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि 31 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा होनी थी। 31 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई और टेक्सटाइल पर 5 फीसदी जीएसटी को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। यह कहा जा सकता है कि कपड़ा उद्योग का संघर्ष आखिरकार रंग लाया है।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए शुभ समाचार

टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए शुभ समाचार आने पर फोस्टा महमंत्री और कैट गुजरात उपाध्यक्ष चंपालाल बोथरा ने सरकार का शुक्रिया अदा किया। 5 फीसदी स्थिर रहने से छोटे एवं फुटकर व्यापारियों को भी खासी राहत मिली है। जीएसटी काउंसिलिंग की मीटिंग में कपड़ा-जूता पर आगामी दिनों में 12 फीसदी लागू होने जा रहा था।

वित्तमंत्री, टेक्सटाइल मंत्री और सांसदों का आभार

सभी मंत्री और सांसदों का आभार जीएसटी दरों को यथावत रखने को लेकर जीएसटी काउंसिल के फैसले पर प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री सीतारमन, टेक्सटाइल मंत्री पियूश गोयल, दर्शना जरदोश, सांसद सीआर पाटिल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सहित जीएसटी काउंसिल मेंबरों का आभार व्यक्त करते है। जिन्होंने उद्योग हित में यह फैसला लिया।
-आशिश गुजराती, सूरत चैंबर अध्यक्ष

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