ब्रह्माकुमारी ओम शांति सेंटर वराछा में समग्र ऊर्जा तथा वर्षा व भू जल संरक्षण शिक्षण प्रशिक्षण सेमीनार
सूरत, ओम शांति वराछा स्थित सेंटर पर भारत की परमाणु सहेली डॉ. नीलम गोयल ने परमाणु ऊर्जा व पानी संरक्षण (वाटरशेड विकास व जलवायु संरक्षण) पर एक शिक्षण-प्रशिक्षण सेमीनार का आयोजन किया। सेमीनार में ओम शांति परिवार के सदस्यों के साथ-साथ लगभग 300 स्त्री, पुरुष शामिल थे।
परमाणु सहेली ने बताया कि पानी व बिजली की बुनियाद पर ही रोटी, कपड़ा और मकान की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होना संभव है। बिजली व पानी नहीं होगा, तो खेतों में अन्न पैदा नहीं होगा, लोगों को भोजन नहीं मिलेगा, कारखानों में कपड़ा नहीं बनेगा घरों के निर्माण के लिए लोहा, सीमेंट इत्यादि की पूर्ति नहीं होगी।
परमाणु सहेली ने बताया कि कोयले से हम सबसे ज्यादा बिजली बनाते हैं और जिसको जलाने से बहुत प्रदूषण फैलता है। अच्छी किस्म का कोयला बाहरी देशों से आयात करते हैं जिससे हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता बढ़ती जाती है। पर्यावरण प्रदूषण की वजह से आने वाले समय में हम ऊर्जा उत्पादन में कोयला का अधिक प्रयोग भी नहीं कर पाएंगे।
सूर्य, पानी व हवा से हम हमारी घरेलू डिमांड को ही पूरा कर पाएंगे। सूर्य से केवल दिन में ही बिजली बनाई जा सकती है, रात में व बरसात में नहीं। हमारे उद्योगों को 24 घंटे बिजली चाहिए होती है। ऐसे में बिजली की कमी की वजह से उद्योग-धंधे बंद होने लगेंगे साथ ही बेरोजगारी गुणात्मक रूप में बढ़ने लगेगी।
परमाणु सहेली ने बताया कि हमारे पास परमाणु ऊर्जा के रूप में बिजली बनाने का एक ऐसा विकल्प है जो हमे कई सालों साफ व सस्ती बिजली दे सकता है। हमारे उद्योगों को अनवरत रूप में बिजली मिल सकती है। ओम शांति परिवार के सदस्यों व लोगों ने विषय की जानकारी ली।
ओम शांति वराछा संचालक ब्रह्माकुमारी तृप्ति दीदी ने परमाणु सहेली का सम्मान किया व स्मृति चिन्ह भेंट किया। तृप्ति दीदी ने कहा कि परमाणु सहेली संपूर्ण भारत के लिए निस्वार्थ रूप से इस कार्य को कर रही है, परमात्मा स्वयं इस कार्य में उनके सारथी बनकर कार्य को सफल बनाएंगे। परमाणु सहेली द्वारा नए युग के निर्माण के लिए की जा रही महा-जागरूकता में देश के समस्त जन अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाए।
ब्रह्माकुमारी सेंटर में उपस्थित सभी ने प्रतिज्ञा ली कि जब भी ये योजनाए हमारे क्षेत्र में आएंगी तो हम सभी इनका समर्थन करेंगे। सेमीनार में परमाणु सहेली द्वारा सभी को परमाणु ऊर्जा विषय संबंधित पुस्तिकायें वितरित की गई।