गौ कृपा से सूरत में अवतरित हुए कांतारेश्वर महादेव : साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी
गौ माता के लिए जो समर्पित हो जाता है वह हमेशा के लिए इतिहास में अमर हो जाता है
सूरत। शहर के परवत पाटिया के श्री माहेश्वरी सेवा सदन में सूरत गौ सेवा समिति के तत्वावधान में श्री गौ संवर्धन पर पांच दिवसीय गौ कृपा कथा के चतृर्थ दिन रविवार को साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी ने कहा कि गाय की सेवा करने से दिव्य शक्तियों की अनुभूति होती है। जिस गाय माता के लिए भगवान इस धरती पर अवतरित होना पड़े वह गाय माता पशु कैसे हो सकती है। भारत में ऐसे कई तीर्थ है जहां भगवती गौ माता की कृपा से भगवान स्वयं प्रकट हुए है।
उन्होंने कहा कि जब तक प्रभु की कृपा नहीं होती तब तक संतों के दर्शन नहीं होते है। कांतारेश्वर के रूप में गौ माता की कृपा से भगवान शिवजी सूरत में भी कृपा बरसा रहे है। चार प्रकार के सुखों में से एक काम पर चर्चा करते हुए कहा कि गाय माता के अंगों में 14 भुवन निवास करते है। और यह गाय माता समस्त कामनाओं की पूर्ति करती है। ऐसा वराह पुराण में लिखा है। अग्नि पुराण में भी लिखा है कि हवन में गाय माता के घी और सामग्री का उपयोग करने से भी कामना पूरी होती है।
उन्होंने कहा कि इच्छाओं को कोई अंत नहीं है। लेकिन गौ माता की सेवा करने पर सद इच्छा जरूर पूरी होती है। उत्तम संतान का निर्माण गर्भ अवस्था से शुरू हो जाता है। गौ माता के लिए जो समर्पित हो जाता है वह हमेशा के लिए इतिहास में अमर हो जाता है। शिक्षा पर बोलते हुए कहा कि बच्चों को ऐसे विद्यालय भेजे जो पढ़ाई के साथ साथ संस्कार का पाठ पढ़ाता हो। शिक्षा केवल पेट भरने के लिए नहीं होती। प्राचीन काल में पढ़ाई के दो उद्देश होते थे, एक शिक्षा वह है जो विनय प्रदान करें और दूसरा शिक्षा वह जो मोक्ष प्रदान करें।
सूरत गौ सेवा समिति के जगदीश कोठारी ने बताया कि सोमवार को रक्षाबंधन के त्यौहार के चलते कथा का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक का रहेगा। कथा के यजमान भगवान मालानी, नारायण झंवर, पूनमचंद मूंधड़ा,किशन गोपाल मूंधड़ा,किशनलाल राठी,कन्हैयालाल राठी, विमल माहेश्वरी, दीनदयाल मोहता,ओमप्रकाश बागड़ी, नारायण बागड़ी,पवन बजाज, राधाकिशन मूंधड़ा, श्याम गट्टाणी सहित काफी संख्या में भक्त उपस्थित रहे एवं प्रसाद वितरण में सत्यनारायण राठी, सीताराम राठी, अंजनी राठी इत्यादि उपस्थित थे।