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सूरत कपड़ा बाजार में बाहरी राज्यों से लहरिया की मांग; जानें व्यापारियों का कहना….

राजस्थान और एमपी में ज्यादा डिमांड

पहले साल की तरह इस साल भी सूरत कपड़ा बाजार में हर मार्केट व हर दुकानों में लहरिया ही लहरियां दिखाई दे रहा है। और ये लहरियां इस साल अप्रैल महीने से ही व्यापरियों ने बनना शुरू कर दिया था जो लगभग 15 अगस्त तक चलेगा। इसकी अधिकतर डिमांड राजस्थान से लेकर एमपी तक देखी जाती हैं इस बार लगभग 250 से लेकर 350 करोड़ तक के व्यापार होने की संभावना है। वही सावन माह में ये बिकने वाला आइटम इस बार अधिकमास होने के कारण एक महीना और चलेगा।

वही डिजाइनों व ग्रे की बात करें तो इसमें लाल, पिला, हरा, रानी कलर में अलग अलग डिजाइनें है। जिसमें लेस पट्टी से लेकर बुटे का जॉब शामिल हैं। रेट की बात करें तो इसमें 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है। वही ग्रे आइटम में ये 70*72,60 ग्राम, वेलटेल्स में बनते हैं। इस बार करीब 15 से लेकर 20 लाख मीटर तक का कारोबार देखा जा सकता है। सूत्रों की माने तो ये भी कहा जा रहा है कि अभी तो डिमांड तो बहुत है पर आगे चलकर बिका हुआ लहरियां भेजी गई मंडियों में लहरायेगा या फिर वापसी आकर व्यापरियों को रुलाएगा।

सावन मास में राजस्थान मध्यप्रदेश में लहरिया की डिमांड

सावन मास में राजस्थान मध्यप्रदेश में लहरिया की डिमांड होती है। मई, जून,जुलाई तक खूब बिकता है। इसलिए सीजन को ध्यान में रखते हुए सूरत के व्यापरियों ने अलग अलग वैरायटी व वर्क पर लहरिया बनाकर स्टॉक जमा किया है।  

– नारायण शर्मा

बारिश की सीजन में सबसे ज्यादा बिकता हैं

लहरिया का काम सूरत में लगभग 250 करोड़ का हो ही जाता हैं। खासकर राजस्थान, एम. पी. , महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में ज़्यादा चलता हैं । यह ज्यादातर सावन रक्षाबंधन तक में ही बारिश की सीजन में सबसे ज्यादा बिकता हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार लहेरिया सूरत में बहुत ज्यादा बना भी है। ओर हमारे यहाँ आने वाले व्यापरियों को भी अभी लहरिया की ही डिमांड हैं। इस बार लहरिया फैंसी जेकार्ड, औरगेज़ा पर भी लहरिया बड़ी मात्रा में बना है। लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी जिस सोच को लेकर व्यापारियों ने तैयारी तो की हैं। पर ये सिजनेबल आइटम हैं। जिसको पूरी साल संभाल कर रखना पड़ेगा।

– मुकेश डागा एजेंट एवं कपड़ा व्यापारी

अलग अलग वैरायटी व वर्क पर बनाया लहरिया

वैसे तो हम प्रिंट साड़ी के आइटम बनाते हैं। हर साल की तरह इस बार भी सावन मास में जो राजस्थान व एमपी में लहरिया की डिमांड की मई, जून,जुलाई तक जो सीजन चलती हैं। इसमें हम भी व्यापरियों को अलग अलग वैरायटी व वर्क पर लहरिया बनाकर बेचते है। देखा जाए तो इस बार डिमांड तो है पर ये भी भुलाया नही जा सकता कि ये ही लहरिया जब वापसी का दौर पकड़ता हैं तो लहराता नही बल्कि आधे ही दामों में बेचने में मजबूर जरूर करता हैं।

– अंकित जैन; व्यापारी-महावीर मार्केट

राजस्थानी महिलाओं की पहली पसंद ही लहरिया

सावन मास व रक्षा बन्धन के त्योहारों पर हर साल की तरह लहरिया की सूरत कपड़ा बाजारों में खूब डिमांड रहती हैं। इसके साथ साथ घर घर मे भी सीजन वाइज हर तरह की साड़ियां भी बेची जाती हैं ठीक इसी तरह हर मारवाड़ी सोसायटीयो में भी लहरिया की डिमांड देखी जा रही हैं। क्योंकि राजस्थानी महिलाओं की पहली पसंद ही लहरिया ही हैं जो अनेको डिजाइन के अंदर बने बूटी, लेस,डायमंड आदि लगे साड़ी के अंदर के आइटम ओर भी खूबसूरती बढ़ा देती हैं।

– रीता शर्मा-गृहणी

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