धर्म- समाज

माहिरा फाउंडेशन 28 नव दंपत्तियों का कराया सामूहिक विवाह

सूरत शहर की संस्था माहिरा फाउंडेशन द्वारा प्रथम इजतेमाई निकाह यानि सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया । जिसमें 7 मुस्लिम गरीब युवक युवतियों का निकाह सादगी के साथ हुआ। गौरतलब है कि माहिरा फाउंडेशन द्वारा 3 दलित युवतियों का भी उनके रीति रिवाज से सामूहिक विवाह करके सही मायने में कौमी एकता की मिसाल दी। वसीम कुरैशी ने जातपात का भेदभाव बिना सभी बेटियों को घरेलु सामान तोहफा स्वरूप देकर मानवता की महक फैलायी।

18 नवविवाहितों की एक और सामूहिक शादी रविवार 28 को लिंबायत नूरानी मस्जिद के पास माहिरा फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया। कोरोना के संक्रमण और स्थिति को देखते हुए सामूहिक विवाह एक साथ होने पर भारी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना थी। इस वजह से अलग-अलग दिनों में अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। सामूहिक शादियां प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए की गईं।

वसीम कुरैशी ने कहा कि माहिरा फाउंडेशन पहली बार सामूहिक विवाह कर रहा है। जबकि गरीब और मध्यम वर्ग की बेटियों की इससे पहले भी शादी की गई है। हमारा संकल्प है कि हम सभी गरीबों के जीवन को एक नई शुरुआत दें, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। हमारा फाउंडेशन अब शिक्षा पर फोकस करेगा। हम बच्चों को शिक्षित करने का ध्येय रखकर काम करते रहेंगे।

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