सूरत

उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति ने कहा लंबित मांगों का समाधान करो वरना फिर शुरू करेंगे आंदोलन

सोमवार को उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मंडल द्वारा सूरत रेलवे स्टेशन निदेशक से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि आपको विदित होगा कि दक्षिण गुजरात देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है जिसमें देशभर ख़ासतौर से उत्तर भारत के २० लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनके आवागमन का एक मात्र साधन रेल है। किन्तु सूरत से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों की संख्या यात्रियों की संख्या की तुलना में लगभग ना के बराबर है, इसलिए यात्रियों को भेड़ बकरीयों की तरह ना केवल जाने को मजबूर होना पड़ रहा है बल्कि उनका शोषण भी होता है, इस तथ्य से रेलवे प्रशासन भी भली भांति अवगत हैं।

उत्तर भारत की रेल समस्या को लेकर गठित उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति पिछले पांच वर्षो से संघर्षरत है जिसके तहत दो विशाल रैली, सैंकड़ों जनसभा , रेल रोको आंदोलन, रेलमंत्री का घेराव , तथा रेलवे के जीएम, डीआरएम समेत विभिन्न अधिकारियों से विभिन्न चरणों में वार्तालाप, पत्र व्यवहार के बाद रेलवे अधिकारियों और उत्तर भारतीय रेलवे संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक के दौरान रेलवे अधिकारियों द्वारा समिति को भरोसा दिलाया गया था कि उधना जलगांव रेलमार्ग डबल ट्रैक होने के बाद नई गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा, लेकिन इस दौरान कोविड महामारी आने के कारण प्रशासन के आग्रह पर आंदोलन स्थगित किया गया था।

समिति के संयोजक अजीत तिवारी व वरिष्ठ सदस्य शान खान ने बताया कि रेलवे प्रशासन अब सामान्य परिस्थितियों में भी अपने भरोसे पर खरा नहीं उतर रहा है, अतः उत्तर भारतीय रेलवे संघर्ष समिति का रेल प्रशासन से आग्रह है कि हमारी मांगों पर तत्काल पूर्व वचन के अनुसार समाधान करें अन्यथा हमें उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी

समिति के सहसंयोजक अनूप राजपूत ने कहा कि हमने रेलवे को १५ दिन का समय दिया हैं यदि १५ दिन में कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला तो उसके बाद हम आंदोलन की रूप रेखा तय करेंगे। समिति के प्रतिनिधि मंडल में अजीत तिवारी, शान खान, कामरान उस्मानी, रोशन मिश्रा, अजय बाबा, नरेंद्र मिश्रा, धनंजय राय, उमाशंकर मिश्रा, आदित्य शुक्ला, महाबली राजभर, विवेक राय, शशि दुबे, योगेश मिश्रा, अवधेश मौर्या, महादेव वर्मा, फूलचंद वर्मा,राहुल पांडे सामिल थे।

यह प्रमुख मांगे की गई हैं

(1) सूरत से अयोध्या की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया उधना, भुसावल, इटारसी, कटनी, शंकरगढ़, नैनी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या पहुँचे।

(2) सूरत से पटना की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया वडोदरा, रतलाम, उज्जैन, सुजालपुर, बीना, झांसी, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, दीनदयाल उपाध्याय जंक्सन से होते हुए पटना पहुँचे।

(3) 09175 मुंबई सेंट्रल भागलपुर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को नियमित किया जाए

(4) सूरत से रांची झारखंड के लिए नई ट्रेन शुरू की जाए।

(5) 19063 उधना दानापुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।

(6) 19051 श्रमिक एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।

(7)19053 सूरत मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।

(8) 11104 बांद्रा झांसी एक्सप्रेस के रूट का विस्तार कर उसे बांद्रा से गोरखपुर किया जाए।

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