अब स्कूल संचालकों की बढ़ेंगी चिंता, इस बातों का रखना पड़ेंगा ध्यान नहीं तो होगी कार्यवाही
स्कूल प्रशासकों के लिए 12 अलग-अलग दस्तावेज और एनओसी अनिवार्य
सूरत। राजकोट अग्निकांड के बाद सूरत समेत पूरे राज्य में फायर सेफ्टी समेत मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। केवल तीन दिनों में मनपा ने रिकॉर्ड तोड़ तरीके से एक हजार से अधिक संपत्तियों को सील कर दिया है, जिसमें अस्पताल, ट्यूशन क्लास, जिम आदि शामिल हैं। इस बीच कल जब अधिकांश स्कूलों में भी फायर सेफ्टी समेत अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सीलिंग की कार्रवाई की गई तो स्कूल संचालकों में इसका विरोध शुरू हो गया।
इस स्तर पर अब डीईओ कार्यालय ने उल्लेख किया है कि स्कूल प्रशासकों के लिए 12 अलग-अलग दस्तावेज और एनओसी अनिवार्य हैं। जिससे आने वाले दिनों में शहर के अधिकांश स्कूल इस प्रकार के मापदंड में फेल होने पर सीलिंग की प्रक्रिया तय मानी जा रही है।
चेकलिस्ट तैयार की गयी
जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय द्वारा आज आपदा प्रबंधन एवं स्कूल सुरक्षा हेतु चेकलिस्ट तैयार की गयी है, जिसमें स्कूल की प्रति मंजिल बीयूपी, बीयूसी, बिल्डिंग तहत लेटेस्ट स्ट्रक्चरल इंजीनियर का प्रमाण पत्र, इम्पेक्ट शुल्क की रसीद, उस विभाग की एनओसी, स्कूल आपदा प्रबंधन प्लान, फायर एनओसी, 9 मीटर से ज्यादा उंचाई वाले मकान हो तो सेल्फ डेक्लेरेशन, एमसीबी स्वीच और फायर एक्टिग्युशर सहित फोटो, मंजूर नक्शे का जेरॉक्स, वैधता और स्थान का प्रमाण पत्र और नाम परिवर्तन और ट्रस्ट परिवर्तन चेकलिस्ट शामिल हैं।
स्कूलों के लिए यह चेकलिस्ट खतरे की घंटी
शिक्षणाधिकारी कार्यालय से जारी इस चेकलिस्ट ने अब स्कूल संचालकों की चिंता बढ़ा दी है। शहर के अधिकांश प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए यह चेकलिस्ट खतरे की घंटी है। कल ही पुणा के नालन्दा विद्यालय में जब फायर विभाग के कर्मियों द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की गई तो स्कूल संचालकों ने भारी हंगामा किया और भारी विवाद के बीच स्कूल संचालकों द्वारा सील तोड़ दी गई। स्कूल प्रशासन का आरोप है कि एनओसी के बावजूद स्कूल को सील कर दिया गया। घटना के कारण पुणा क्षेत्र के अन्य स्कूलों के संचालक भी एकत्र हो गये और उनके विरोध प्रदर्शन से एक बार माहौल तनावपूर्ण हो गया। कापोद्रा पुलिस की मौजूदगी में फायर विभाग ने फिर से सीलिंग कारवाई की।