अब आप अंग्रेजी में नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते हैं, जानिए क्या है सिस्टम
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने एक अहम फैसला लिया है। गुजरात सहित पूरे देश में इंजीनियरिंग कॉलेज बढ़ रहे हैं। लेकिन उसकी ज्यादातर सीटें खाली रहती हैं। छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इंजीनियरिंग को अब अंग्रेजी के अलावा आठ अन्य भारतीय भाषाओं में पढ़ाया जा सकता है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा लिए गए इस निर्णय से कई छात्रों को लाभ होगा।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, मलयालम और साथ ही गुजराती में पाठ्यक्रम प्रदान करना चाहती है। क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की अनुमति देने के पीछे कारण यह है कि ग्रामीण और साथ ही आदिवासी क्षेत्रों के छात्र भी अध्ययन कर सकते हैं।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा छात्रों को इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाएगी। इसी वजह से पाठ्यक्रम में भाषाओं को जोड़ा गया है।
गुजरात में अधिकांश छात्रों के पास अंग्रेजी भाषा में महारत नहीं है इसलिए वे इंजीनियरिंग नहीं कर सकते। ऐसी परिस्थितियों में लिए गए निर्णय के अनुसार छात्र अब गुजराती में भी पाठ्यक्रम का चयन कर सकेंगे। जिससे दूर-दराज के गांवों के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकें।