जिसने संसार का त्याग किया हो, उसे धोखाधड़ी करके क्या मिलेगा : कोर्ट
कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली
सूरत। विरमगाम में 315 बीघा भूमि हड़पने के मामले में आरोपित भरूच जिले के स्वामीनारायण संप्रदाय के साधु माधवप्रिय को कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिस व्यक्ति ने संसार का त्याग किया हो, उस संन्यासी को धोखाधड़ी करके क्या मिलेगा। दरअसल, अहमदाबाद निवासी नयन यादव ने स्वामीनारायण संप्रदाय के साधु माधवप्रिय समेत तीन जनों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है।
आरोप है कि माधवप्रिय ने गौशाला के लिए जमीन के बहाने लाखों रूपए का धोखा किया और जमीन भी हड़प ली। मामला दर्ज होने के बाद माधवप्रिय ने अधिवक्ता सोनल एम. शर्मा के जरिए कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सोनल एम. शर्मा ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि आरोपी माधवप्रिय एक संन्यासी है। इस अपराध में उनकी प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका हो, ऐसे कोई सबूत नहीं है। शिकायतकर्ता और पुलिस की मिलीभगत में झूठे आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।